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22 Nov 2024, Fri

जम्मू कश्मीर के पंचायत प्रतिनिधियों ने मंगलवार को केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात की। इस दौरान संसद के नॉर्थ ब्लॉक के कॉन्फ्रेंस हॉल में हुई बैठक में कश्मीर के पंचायत प्रतिनिधियों ने आर्टिकल 370 के प्रावधान हटाए जाने के बाद से घाटी के हालात के बारे में बताया। बैठक के बाद इन सरपंचों ने मीडिया से बात की। इस दौरान एक युवा सरपंच ने आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से लोगों के सामने आ रही परेशानियों के बारे में बात की।

श्रीनगर के हारवान पंचायत के सरपंच जुबैर बट्ट ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि ‘डाउनटाउन श्रीनगर में मूवमेंट और कम्यूनिकेशन एक गंभीर समस्या है। तेल, राशन समेत जरुरत की चीजों की सप्लाई बाधित है। इसके साथ ही बट्ट ने कहा कि प्रशासन पंचायतों को निर्माण कार्यों के लिए साल 2012 की दर से भुगतान कर रही है।’ इसी बीच केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने दखल देते हुए बात संभालने की कोशिश की और हरसंभव मदद देने का वादा किया और ये भी कहा कि निर्माण कार्यों की दर का फिर से अवलोकन किया जाएगा।

अधिकतर सरपंचों ने ऑन रिकॉर्ड बातचीत में ज्यादा शिकायतें नहीं की, लेकिन निजी और ऑफ रिकॉर्ड बातचीत में सरपंचों ने बताया कि वह डर के माहौल में जी रहे हैं और अपने भविष्य को लेकर अनिश्चित हैं। श्रीनगर के एक सरपंच ने कहा कि ‘जब पंचायत चुनाव हुए तो हम बहुत खुश थे। गिने-चुने परिवारों के वर्चस्व टूटा था और लोकतंत्र जमीनी स्तर तक पहुंच रही थी। लेकिन आर्टिकल 370 के प्रावधान हटाए जाने के बाद से हमें उन लोगों से छिपना पड़ रहा है, जिन्होंने हमें जितवाया।’

‘लोग हमें ‘गद्दार’ कह रहे हैं, हमें मुफ्ती और अब्दुल्ला की तरह ‘दिल्ली के आदमी’ बताया जा रहा है। सरपंचों ने अपनी निजी सुरक्षा को लेकर भी चिंता जाहिर की। सरपंचों के अनुसार, उन्हें आतंकियों और स्थानीय लोगों दोनों से खतरा महसूस हो रहा है। एक ने बताया कि वह डर के कारण अपने घर में नहीं सो रहा है।

By #AARECH