पीएनएस टीम के साथ अज़ीम सिद्दीकी की स्पेशल रिपोर्ट
जौनपुर, यूपी
कहते हैं कि जब किसी के पास बैठे-बिठाए कोई बड़ी सफलता हासिल हो जाती है तो वो बगैर पंख आसमान में उड़ने लगता हैं। वो अपनों को छोडकर बड़ी-बड़ी बातें करने लगता है। चाटुकार उसके इर्द-गिर्द कौए के तरह मंडराने लगते हैं, और ज़मीनी लोगों को छोड़कर वो इन चाटूकारों में घिर जाता हैं। कुछ ऐसा ही नज़ारा इस वक्स जौनपुर में देखने को मिल रहा है। यहां से नये-नवेले सांसद चुने गये श्याम सिंह यादव क्षेत्र में कहीं नज़र नहीं आ रहे हैं। आम जनता उन्हें तलाश रही है।
हाल ही संपन्न हुए लोकसभा चुनाव- 2019 में जहां पूरे देश में मोदी लहर चली वहीं जौनपुर संसदीय क्षेत्र ने एक बार फिर अपना इतिहास दोहराते हुए इसके उलट फैसला किया। यहां सपा-बीएसपी-आरएलडी महागठबंधन से बीएसपी के उम्मीदवार श्याम सिंह यादव ने मैदान में उतरे। जनता ने उन्हें प्यार दिया तो महागठबंधन धर्म निभाते हुए सपा के स्थानीय नेताओं से उन्हें जीत दिलाने के लिए दिन-रात एक कर दिया। नतीज़ा ये हुआ कि पूरे देश में मोदी लहर के बाद भी जौनपुर ज़िले ने अपना फैसला महागठबंधन के बीएसपी उम्मीदवार श्याम सिंह यादव के पक्ष में सुनाया।
ठगा सा महसूस कर रही है जनता
ज़िले की आम जनता ने अपनी समस्याओं को उठाने और जनता के बीच रहकर जनहित की बात करने के लिए सांसद श्याम सिंह यादव को चुनाव में जीत दिलाई। चुनाव में भारी मतों से जीत दर्ज करने के बाद अमूमन हर प्रतिनिधि अपने क्षेत्र के लोगों से मिलकर उन्हें धन्यवाद ज्ञापित करता है। लेकिन नौकरशाह से नये-नवेले सांसद बने श्याम सिंह यादव चुनाव जीतने के बाद कहीं नज़र नहीं आएं। कई इलाके के लोगों ने उनसे संपर्क करके कार्यक्रम के बारे में पूछा तो कोई जवाब नहीं मिला। उनके साथ चलने वाले चाटुकारों ने जल्द आने की बात करके टरका दिया।
सिर्फ बड़े दरवाज़े पर दी दस्तक
पीएनएस टीम ने जब इस मामले में इलाके में लोगों के बीच जाकर जायज़ा लिया तो पता चला कि क्षेत्र के कुछ दबंग, बड़े रसूखदार लोग और अपने आपको चौधरी बताने वाले लोगों के यहां सांसद जी ने ज़रूर हाज़िरी लगाई। आम लोगों ने कहा कि सांसद जी कई इलाके में आगे तो लेकिन न तो उनकी गाड़ी रुकी और न ही गाड़ी का शीशा खुला। दरअसल आम लोग ये कह रहे हैं कि अभी कुछ दिन में ही सांसद जी का ये हाल है तो आगे क्या होगा। पीएनएस टीम को जानकारी मिली कि जौनपुर से शाहगंज तो सांसद जी गए लेकिन वो चंद रसूख वालों के यहां ही रूके। किसी आम मतदाता या ग्रामीणों से थोड़ी देर रुक कर हाथ मिलाना भी सांसद जी को गवारा नहीं।
ईद के मौके पर गायब ही रहे सांसद जी
जौनपुर संसदीय सीट पर मुसलमानों ने एकतरफा गठबंधन को वोट दिया था। यही वजह रही कि बीएसपी उम्मीदवार श्याम सिंह यादव भारी मतो से जीते। अब साल भर में एक बार आने वाले ईद जैसे महत्वपूर्ण त्यौहार में भी अगर उनका सांसद नज़र न आए तो लोगों का गुस्सा जायज़ है। दरअसल संसद जी लोगों से मिलने तो निकले लेकिन चाटुकारों से घिरा होने की वजह से वो चंद रसूखदार और दबंग लोगों से चुपके से मिले और फिर निकल लिये। उनकी गाड़ी कहीं भी आम लोगों से मिलने के लिए नहीं रुकी। सांसद जी के सोशल मीडिया फेसबुक पेज पर ईद की बधाई की एक पोस्ट ज़रूर नज़र आ रही है। पीएनएस टीम ने इलाके में कई मुस्लिमों से जब इस मामले में बात की तो उनमें नाराज़गी साफ नज़र आई। लोगों का मामना है कि अगर सांसद जी ईद जैसे त्यौहार में मिल नही सकते तो हम वाकई उन्हें वोट देकर पछता रहे हैं। अगली बार हम उनसे हिसाब बराबर करेंगे।
बीएसपी के स्थानीय नेता नाराज़
नये-नवेले सांसद श्याम सिंह यादव के इस रवैये से बीएसपी के स्थानीय नेता काफी नाराज़ हैँ। दरअसल आम लोग इन नेताओं को रोज़ सांसद जी के ना आने का ताना मार रहे हैं। दिन-रात एक करके मेहनत करने वाले बीएसपी के स्थानीय नेता और कार्यकर्ता भी अपने आपको ठगा महसूस कर रहे हैं। इन लोगों का मानना है कि 2022 के विधान सभा चुनाव में वो किस मुंह को लेकर आम लोगों के बीच जाएंगे।
सपा नेताओं ने चुप्पी साधी
चुनाव में जी-जान से मेहनत करने वाले सपा नेताओं की हालत सबसे ज्यादा खराब है। एक तरफ तो आम जनता उनसे सवाल कर रही है तो दूसरी तरफ महागठबंधन टूटने का दर्द उन्हें सता रहा हैं। सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के पास सांसद जी के न आने का कोई जवाब ढूढे नहीं बन रहा है। एक स्थानीय नेता ने पीएनएस टीम को बताया कि गठबंधन टूटने का उनता दर्द नहीं जिनता कि सांसद जी के मुंह मोड़ने का है। समाजवादी नेता और कार्यकर्ता भी अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं।
क्षेत्र में कई बड़ी घटनाएं घटी पर सांसद जी नहीं आए
बीएसपी के नये-नवेले सांसद श्याम सिंह यादव के चुनाव जीतने के बाद क्षेत्र में कई बड़ी घटनाएं घटी। जहां एक बड़े नेता की सरेआम हत्या कर दी गई वही कई अन्य घटनाओं की वजह से आम लोग परेशान रहे। इन सब के बावजूद नये-नवेले सांसद जी के सलाहकारों ने उन्हें कही भी जाने की सलाह नहीं दी। आखिर विपक्षी दल होने के नाते सांसद जी का क्या इतना भी फर्ज़ नहीं बनता कि वह घटनाओं में पीड़ित परिवार को सांप्तना देने उनके घर चले जाए। जबकि ऐसे मामले में आम लोगों को उम्मीद रहती है कि विपक्षी दल का सांसद होने के नाते वो उनके मुद्दे को उठाएंगे और न्याय दिलाएंगे।
संपर्क के लिए न कोई नंबर और न ही कोई कार्यालय खुला
लोकसभा क्षेत्र मछलीशहर के मड़ियाहूं विधान सभा के रानीपट्टी गाँव के रहने वाले नवागत सांसद श्याम सिंह यादव का अभी तक जौनपुर लोकसभा क्षेत्र या उसकी पांच विधान सभाओं में उनका न तो कोई जनसंपर्क कार्यालय है और न ही कोई जनता की समस्या सुनने के लिए उनका कोई प्रतिनिधि। जौनपुर के लोगों के लिए यह समस्या है कि वो अपनी फ़रियाद लेकर जाए भी तो कहां जाये। जनता के प्रतिनिधि के पास समय अभाव है, तो दूसरी तरफ उनका कोई ठिकाना नही है। क्षेत्र के रसूखदार लोगों से तो मिलना जुलना जारी है। उनके घर पर सांसद जी की आमद तो लगातार हो रही है लेकिन जनता के बीच कोई सार्वजनिक कार्यक्रम में अब तक नज़र नहीं आएं हैं।
सांसद श्याम सिंह यादव का कब होगा दीदार
“आप का ऐतबार कौन करे।
रोज़ का इंतज़ार कौन करे।।”
शायर दाग़ देहलवी का ये शेर जौनपुर के नये-नवेले सांसद जी पर बिल्कुल फिट बैठता है। श्याम सिंह यादव को सांसद बने अभी मात्र तीन हफ्ते ही हुए हैं लेकिन जिस तरह से उन्होंने आम लोगों से बेरूखी दिखाई है उससे लगता है कि आगामी पांच साल वो नज़र आने वाले नहीं है। हां… चंद रसूखदारों और दबंगों को छोड़ दें तो ऐसा लगता है कि उनके ऊपर से अभी नौकरशाही का रूत्बा नहीं उतरा है। ऐसा लगता है कि बसपा सुप्रीमो मायावती की परम्परा को बरकरार रखते हुए संसद जी एयरकंडीशन से बाहर नही निकलना चाहते हैं। सांसद जी को शायद ये पता नहीं कि पांच साल बाद एक बार फिर इसी जनता की अदालत में उन्हें वोट के लिए हाज़िरी लगानी पड़ेगी। तब जनता भगवान के रूप में सांसद जी के सामने होगी और हर सवाल का सीधा जवाब मांगेगी। तब देखना ये होगा कि उनके चाटुकार और सलाहकार उस वक्त उन्हें सवालों से कैसे बचाएंगे।