Breaking
21 Nov 2024, Thu

जौनपुर: पुलिस पर सवाल, भदेठी में दो गुटों में विवाद को सांप्रदायिक रंग किसने दिय़ा?

JAUNPUR BHADETHI HINDU MUSLIM COMMUNALISM 1 100620

पीएनएस टीम

जौनपुर, यूपी
ज़िले में खराब होती जा रही कानून व्यवस्था को लेकर एक तरफ व्यापारी लगातार आंदोलित हैं तो दूसरी तरफ सरेआम कई हत्याओं से आम लोग सशंकित हैं। ऐसे में जौनपुर पुलिस की छवि को लेकर पिछले एक हफ्ते से लगातार सोशल मीडिया पर भी सवाल उठ रहे हैं। इस बीच ज़िले आखिरी छोर पर बसे एक गांव में दो गुटों के बीच हुई एक घटना ने पुलिस के लिए संजीवनी का काम कर दिया। कई दिनों से अपने बचाव का रास्ता तलाश रही पुलिस ने इस घटना में एक तरफा कार्रवाई करके अपने खिलाफ खड़े हुए माहौल को बदलने का प्रयास किया।

क्या है मामला
ज़िले के सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के भदेठी गांव में बच्चों में आम तोड़ने को लेकर विवाद हो गया। ये विवाद दलित बस्ती में मंगलवार की शाम 8 बजे हुआ। इसमें गांव के कुछ बच्चों से बस्ती के बच्चों के बीच मारपीट हुई। इस मारपीट में बस्ती के लोगों ने बच्चों के मारपीट के भगा दिया। स्थानीय निवासियों के मुताबिक दूसरे पक्ष के गुस्साए बच्चों ने भी प्रथम पक्ष के लड़कों को मारा पीटा।

दोनों पक्ष के लोग हुए घायल
दो गुटों के बीच हुई इस घटना में दोनों पक्ष के कई लोगों को चोटें आई। इसमें एक पक्ष के जैद, नावेद समेत आधा दर्जन व जबकि दूसरे पक्ष के तीन बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। वहीं घायलों को उपचार के लिए जिला हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।

संदिग्ध हालत में मड़हे में लगी आग
इस बीच कुछ संदिग्ध लोगों ने बस्ती में आधे दर्जन मड़हे में आग लगा दी। इसमें प्रथम पक्ष का आरोप है कि दूसरे पक्ष ने मड़हा खुद जलाया है जबकि दूसरे पक्ष का आरोप है कि मड़हे में प्रथम पक्ष ने आग लगाई। मड़हे जलने से कुछ जावनरों की जलकर मौत हो गई। इस बीच किसी ने पुलिस को खबर की।

मौके पर पहुंचे अधिकारी
घटना की खबर लगते ही स्थनीय पुलिस मौके पर पहुंची। इस बीच घटना को गंभीरता से लेते हुए ज़िले के एसपी अशोक कुमार व जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह व सीओ समेत मौके पर भारी संख्या पुलिस फोर्स पहुंच गई। गांव में फिलहाल भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है।

स्थानीय नेताओं ने दिया सांप्रदायिक रंग
इसी बीच कुठ कट्टर संगठनों के स्थानीय नेता ने इसे सांप्रदायिक रूप देने लगे। इस बीच अफवाहों का बाज़ार गर्म हो गया। आसपास के लोगों में तमाम तरह की चर्चा होने लगी।

एकतरफा पुलिसिया कार्रवाई व तांडव
स्थानीय निवासियों ने पीएनएस से बातचीत में आरोप लगाया कि पुलिस ने एकतरफा कार्रवाई करते हुए रात में काफी तांडव मचाया। पुलिस ले कई घरों के दरवाजे तोड़े और मारपीट की। आरोप है कि पुलिस ने औरतों, बच्चों और बूढ़ों को भी मारा पीटा और गालियां दी। स्थानीय निवासियों के मुताबिक पुलिस ने सिर्फ एक ही समुदाय यानी मुस्लिमों को गिरफ्तार किया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्होंने अधिकारियों से कहा था कि जो भी घटना के दोषी है पुलिस उन्हें गिरफ्तार करें लेकिन पुलिस दबाव में काम कर रही है और सिर्फ मुसलमानों को गिरफ्तार कर रही है।

गुटीय संघर्ष में भी एकतरफा केस दर्ज
इस मामले में खबर मिली है कि पुलिस ने खबर लिखे जाने तक एकतरफा ही केस दर्ज किया है। इसमें करीब 58 नामजद जबकि 27 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। इसमें 35 लोगों को गिरफ्तार करके जेल भी भेज दिया गया है। गिरफ्तार सभी मुस्लिम हैं। वहीं दूसरे पक्ष से एक भी गिरफ्तारी की खबर नहीं है।

सपा से जुड़े कई गिरफ्तार
इस घटना में गांव के कई सपा नेताओं को गिरफ्तार किया गया है। सपा से जुड़े नेताओं का आरोप है कि स्थानीय बीजेपी विधायक व मंत्री की शय पुलिस कार्रवाई कर रही है। दरअसल सपा के लगातार जुड़ रहे दलितों की वजह से बीजेपी में बौखलाहट है। इसी वजह से इस घटना में सपा नेताओं का नाम जोड़ कर दलितों को सपा से दूर करने की साजिश रची जा रही है। सपा नेताओं ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़ा किया।

पुलिस की भूमिका पर सवाल
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि दो गुटों के संघर्ष को सांप्रदयिक रंग देने के कुछ संगठनों की कोशिश पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नही की। आरोप है कि मामला शांत होने के बाद भी पुलिस लगातार एक तरफा कार्रवाई कर रही है। लोगों का आरोप है कि ज़िले में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब चल रही है। पिछले दिनों सरेआम कई हत्याएं हुई हैं। वहीं व्यपारियों के साथ पुलिस की बदसूलूकी और मारपीट के बाद व्यापारी संघर्षरत हैं। ऐसे में पुलिस ने इस घटना को दबसरे नज़रिये से पेश कर दिया और एकतरफा कार्रवाई करके अपनी छवि बदलने की कोशिश कर रही है।