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23 Dec 2024, Mon

नई दिल्ली

एनआईए द्वारा की गई लगातार छापामारी में दिल्ली और उत्तर प्रदेश से करीब एक दर्जन मुस्लिम नौजवानों को गिरफ्तार किया गया है। इन मुस्लिम नौजवानों के परिवार और संबंधी काफी हैरान और परेशान हैं और अपनी गरीबी और बेबसी में होने वाले इस हादसे ने उनके आसपास एक निराशा और अंधेरा फैला दिया है।

ऐसे में इन हालात को नज़र रखते हुए जमीअत उलमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी के निर्देश पर दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट (एनआईए कोर्ट) में जमीअत के अनेक वकील दिनभर मौजूद रहे। आरोपियों की तरफ से पेश हुए’ जमीअत के वकील एडवोकेट नूरुल्लाह ने बताया कि वकीलों की प्रार्थना पर अदालत ने आरोपियों को उनके परिवारों से मिलने की इजाज़त दी है। इसके अलावा वकीलों के विरोध करने पर एनआईए टीम के 15 दिन के रिमांड को निरस्त करते हुए उसे 12 दिन में सीमित कर दिया।

दूसरी तरफ जमीअत उलमा-ए-हिंद के एक प्रतिनिधिमंडल ने अमरोहा जाकर इन आरोपियों के परिवारों से मुलाकात की। अमरोहा से 8 किलोमीटर दूर सैयदपुर एमा के रहने वाले सईद और रईस गिरफ्तार हुए हैं। जमीअत के प्रतिनिधिमंडल ने वहां जाकर इनके मां बाप से मुलाकात की जो अत्याधिक गरीब और दीन-हीन हैं। इसी तरह शहर अमरोहा में आरोपी मुफ्ती सुहैल के परिवार वालों मुफ्ती हमजा और चचा कफील और आरोपी इरशाद की मां आदि से भी मुलाकात की।

प्रतिनिधि मंडल में मौलाना हकीमुद्दीन कासमी सचिव जमीअत उलमा हिन्द, मौलाना मुफ्ती मोहम्मद अफ्फान मंसूरपुरी जमीअत उलमा-ए-हिंद के विशेष कार्यकारिणी सदस्य, मौलाना मुफ्ती कारी यामीन महासचिव जमीअत पश्चिमी उत्तर प्रदेश जोन, मौलाना दिलदार मास्टर जाकिर मास्टर हिदायत आदि शरीक थे।

उधर दिल्ली में मौलाना महमूद मदनी महासचिव जमीअत उलमा-ए-हिंद ने कहा कि उनकी जमात बेकसूर नौजवानों को कानूनी सहायता उपलब्ध करने पर वचनबध्द है। हमारे वकील उनके हालात पर पूरी नज़र रखे हुए हैं। आरोपियों में से अधिकतर के परिवार वाले मजदूर पेशा हैं। इनको कानूनी सहायता की सख्त आवश्यकता है। मौलाना मदनी ने कहा कि जमीअत उलमा हिन्द आतंकवाद के खिलाफ लंबे समय से संघर्ष कर रही है लेकिन इस बात को हरगिज स्वीकार नहीं करती है कि आतंकवाद के नाम पर बेकसूर लोगों को निशाना बनाया जाए। हमारी जमात पहले से बड़ी संख्या में ऐसे नौजवानों का मुकदमा लड़ रही है जिनमें से बड़ी संख्या में आरोपी बाइज्जत बरी हुए हैं।