नागरिकता संशोधित कानून के विरोध में दिल्ली के जामियानगर इलाके में भड़की हिंसा पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई है। मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। देशभर की अलग-अलग यूनिवर्सिटी के छात्र जामिया स्टूडेंट्स के समर्थन में उतर आए हैं और अब शिवसेना ने भी छात्रों का समर्थन किया है। इतना ही नहीं शिवसेना ने सरकार की भी तीखी आलोचना की है।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा है कि सरकार को स्टूडेंट्स की बात सुननी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर नागरिकता कानून में कुछ खामिया हैं तो सबसे बात कर उन्हें दूर कर लिया गया होता तो देश नहीं जलता।
इतना ही नहीं शिवसेना नेता ने सरकार की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि अगर किसी और की सरकार होती तो हम सरकार को पीट देते। वहीं, राउत ने कहा कि देश चलाने वाले हमारे नेताओं का यह कहना कि छात्र पाकिस्तान की भाषा बोल रहे हैं यह सही नहीं है। संजय राउत ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी शासित राज्य जल रहे हैं। राउत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हिंसा पर सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है।
बता दें कि दक्षिण दिल्ली इलाके में मौजूदा जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी के छात्र नागरिकता संशोधित कानून के खिलाफ लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इस प्रदर्शन ने रविवार (15 दिसंबर) शाम उस वक्त हिंसा का रूप ले लिया जब न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में डीटीसी की बस को आग के हवाले कर दिया गया। छात्रों का आरोप है कि इस हिंसा में वो शामिल नहीं थे, बावजूद इसके पुलिस ने जामिया कैंपस के अंदर घुसकर भी छात्रों को बुरी तरह पीटा।
वहीं, दिल्ली पुलिस का कहना है कि हिंसा फैला रहे लोगों को खेदड़ने के लिए उसकी तरफ से कार्रवाई की गई। पुलिस ने इस कार्रवाई में 50 छात्रों को भी हिरासत में लिया था। लेकिन छात्रों को छोड़ने की मांग के साथ आईटीओ स्थिति दिल्ली पुलिस हेडक्वार्टर के बाहर देर रात भारी संख्या में लोग विरोध प्रदर्शन करते रहे और तड़के करीब 4 बजे सभी छात्रों की रिहाई के बाद विरोध प्रदर्शन खत्म किया गया।