येरूसलम, फिलिस्तीन
गाजा पट्टी में भड़की हिंसा में अब तक 17 फिलस्तीनी नागरिकों की मौत हो गई। इज़रायली सेना की तरफ से छोड़े गए आंसू गैस के गोले, रबर बुलेट और फायरिंग में ही 8 लोगों की मौत हो गई है, जबकि इस हमले में 1,200 से ज़्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। यह गोलीबारी तब हुई जब सीमा के करीब हज़ारों की संख्या में फिलस्तीनी नागरिक मार्च ऑफ रिटर्न नाम से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इस प्रदर्शन में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। प्रदर्शन कर रही भीड़ पर इज़रायली सेना द्वारा 6 जगहों पर फायरिंग की गई।
इज़रायली सेना द्वारा की गई कार्रवाई की दुनिया के कई देशों ने ज़ोरदार तरीके से निंदा की है। इस हमले के बाद इज़रायल ने सफाई पेश की है। उन्होंने कहा कि फिलस्तीनी नागरिक सुरक्षा घेरे को तोड़कर प्रतिबंधित क्षेत्र में घुसने की कोशिश कर रहे थे। उसके बाद सेना ने फायरिंग की है। इस फायरिंग में कई बच्चों और महिलाओं के घायल होने की खबर है।
गाज़ा पट्टी में हो रहे प्रदर्शन में 50 हज़ार से ज़्यादा की संख्या में लोग शामिल थे। जब वह इज़रायल की बनाई सीमा पर पहुंचे तो इज़रायली सेना ने रबर बुलेट और आंसू गैस के गोले और फायरिंग शुरु कर दी। फिलस्तीन ने इज़रायल सीमा पर विरोध प्रदर्शन के 5 शिविर क्षेत्रों का निर्माण किया है। जोकि बीच हुनुन से शुरू होकर मिश्र की सीमा से सटा हुआ है। फिलस्तीन में 30 मार्च को भूमि दिवस मनाया जाता है। इस दिन प्रदर्शन करने के लिए लाखों लोग इकठ्ठा होते हैं।