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22 Dec 2024, Sun

WHO से 6 मार्च को “वर्ल्ड मेडिसेन डे” घोषित करने की मांग

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लखनऊ, यूपी

हर साल 6 मार्च को वर्ल्ड मेडिसेन डे मनाने की मांग पिछले कई सालों की की जा रही है। दरअसल आज ही के दिन 6 मार्च 1025 ईस्वी को प्रसिद्ध दार्शनिक और चिकित्सक हकीम इबने सीना द्वारा उनकी प्रसिद्ध पुस्तक अल-क़ानून फ़िततिब को पहली बार प्रकाशित किया गया था। यह वह पुस्तक है जिसका इस्तेमाल सात सदियों तक यूरोपीय मेडिकल कॉलेजों में पाठ्य पुस्तक के रूप में किया जाता रहा है। इंस्टीट्यूट फॉर सोशल हॉर्मोनी एण्ड अपलिफ्टमेंट (ईशू) की ओर से पिछले कई सालों से अंतर्राष्ट्रीय मेडिसेन डे मना रहा है।

हर साल की तरह इस साल भी ईशू ने इस उपलक्ष्य में गोमती नगर स्थित होटल फेयरफील्ड मैरियट में अंतर्राष्ट्रीय मेडिसेन डे का आयोजन किया। ये कार्यक्रम ईशू के अध्यक्ष डॉo अनीस अंसारी की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। प्रोग्राम में मुख्य अतिथि के रूप में इंटेग्रल यूनिवर्सिटी के चांसलर वसीम अख्तर उपस्थित थे।

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ईशू के अध्यक्ष डॉo अनीस अंसारी ने कहा कि इब्ने सीना में बचपन से ही बुद्धिमत्ता के लक्षण दिखाई देने लगे थे। इब्ने सीना ने चिकित्सा, दर्शन, गणित, खगोल विज्ञान, धर्मशास्त्र, भाषा विज्ञान, साहित्य इत्यादि पर पुस्तकें लिखी हैं, जिनमें से दो पुस्तकें (किताब अल-शिफा और अल-क़ानून फ़िततिब्ब) सब से अधिक प्रसिद्ध हुईं।

डॉo अनीस अंसारी ने कहा कि कई देशों ने हकीम इब्ने सीना पर डाक टिकट जारी किया है, हम अपने कार्यक्रम के माध्यम से सरकार से मांग करते हैं कि हमारी सरकार को भी हकीम इब्ने सीना पर डाक टिकट जारी करना चाहिए। हमें हकीम इब्ने सीना के जीवन से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है। इब्ने सीना ने कम उम्र में कई विज्ञानों पर गहरी अंतर्दृष्टि प्राप्त कर ली थी।

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ईशु के संरक्षक मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने इस अवसर पर कहा कि कुरान में ज्ञान को अर्जित करने के संबंध में अत्यधिक महत्व दिया गया है। हमारे पूर्वजों को कुरान से गहरा लगाव था और इसीलिए इब्ने सीना ने विभिन्न भाषाओं और विज्ञानों का अधिग्रहण किया, और पश्चिम और पूर्व उनके प्रयासों को आज भी याद करते हैं और इससे लाभान्वित हो रहे हैं। मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि आज भी अगर हमारे युवा एक हाथ में कुरान और दूसरे हाथ में साइंस पकड़ते हैं तो वे बड़ा बदलाव कर सकते हैं।

एराज़ मेडिकल यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रोफ़ेसर फ़रज़ाना अब्बास ने कहा कि इस प्रोग्राम के लिए ईशु जिम्मेदार प्रशंसा के पात्र हैं। ईशु के लोग ऐसे कार्यक्रम कर रहे हैं जिस से उन लोगों की सेवाओं को सामने लाने का प्रयास किया जा रहा है, जिसे लोग भूल रहे थे।

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इंस्टीट्यूट फॉर सोशल हॉर्मोनी एण्ड अपलिफ्टमेंट के सचिव मुहम्मद खालिद ने कहा कि विश्व के प्रसिद्ध दार्शनिक और हकीम इब्ने सीना की प्रसिद्ध पुस्तक अल-क़ानून अल-क़ानून फ़िततिब पहली बार इसी दिन 6 मार्च, 1025 ईस्वी को प्रकाशित हुई थी। पुस्तक के महत्व को देखते हुए, ईशु ने 2019 में इस पुस्तक के प्रचार प्रसार करने का निर्णय लिया।  6 मार्च 2019 को ईशु ने अंतर्राष्ट्रीय मेडिसिन डे के रूप में मनाया, और एक कार्यक्रम का आयोजन किया जिस में तत्कालीन राज्यपाल राम नाइक उपस्थित थे। दूसरा कार्यक्रम 6 मार्च 2020 को आयोजित किया गया था, जिसमें आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी उपस्थित थे। उन्होंने इस कार्यक्रम की बहुत सराहना की। इसी श्रृंखला का कार्यक्रम आज यहां आयोजित किया जा रहा है।

प्रोफेसर अलीमुद्दीन कमरी ने इस मौक़ा पर अपना पेपर पेश किया, जिस को पुस्तक के रूप में विमोचन किया गया। एराज़ मेडिकल यूनिवर्सिटी, इरम यूनानी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, क्योर फार्मेसी, बोर्ड ऑफ इलेक्ट्रो होम्योपैथिक मेडिसिन ने कार्यक्रम के आयोजन में विशेष सहायता की।