आकाश यादव
लखनऊ, यूपी
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को लगता है कि जनता बीजेपी से त्रस्त है और बेसब्री से चुनाव का इन्तेज़ार कर रही है। चुनाव आते ही सारे वोट बीजेपी के खिलाफ पड़ेगा। ऐसा लगना भी लाज़मी है, क्योंकि बड़े नेता है पार्टी की बड़ी जिम्मेदारी है। हर ज़िले में जा नही सकते। इसलिए ही संगठन खड़ा किया जाता है, जिससे हर जगह की स्थिति पता चलती रहे।
अखिलेश यादव से इस बीच एक गलती हो गयी। किसी भी ज़िले की स्थिति संगठन के लोगो से जानने के बजाय अपने आस पास रहने वाले नवरत्नों से जानकारी लेने लगे। उन नवरत्नों में बहुत से एमएलसी बन कर बैठे है। उनकी खुद की स्थिति ये है कि अपने यहाँ से ग्राम प्रधान का चुनाव नही जीत सकते है। जब सपा की सरकार थी तो जनता के बीच में रहे नही। आज उनकी हैसियत नही है कि वोट डाइवर्ट कर ले। सरकार रहते कभी भी लोगो के बीच गए नही। इसलिए अब उनके बीच जाने की हिम्मत नही है, और इसलिए जाते भी नही है।
ऐसे नवरत्नों के पास भीड़ है, लेकिन वो भीड़ आम जनता की नही है, बल्कि वो कार्यकर्ता है जो इस उम्मीद में पास में रहते हैं कि इनको राष्ट्रीय अध्यक्ष जी बहुत मानते है। इनके माध्यम से उनसे मुलाक़ात हो जाएगी। वहीं नवरत्न सोचते है कि ये मेरी फैन फॉलोइंग है और होता कुछ नही है। न वो कार्यकर्ता कभी उनके माध्यम से आगे बढ़ें और उस भीड़ को ये नवरत्न आम वोटर ही समझते रहे। नवरत्नों को ऊपर राष्ट्रीय अध्यक्ष जी को रिपोर्ट भी तो देनी है तो सीधा एक जवाब हर आदमी आपको याद कर रहा है। बीजेपी से सब त्रस्त है। आपको ही अपना मुख्यमंत्री मानते है और राष्ट्रीय अध्यक्ष जी का उनके प्रति विश्वास है कि उन्होंने ही उनको बनाया है। कम से कम हमारे साथ तो ईमानदार होंगे और वो हर बात मान लेते है।
वही हाल सपा मुख्यालय का है। कार्यालय में बैठे जगत बाबू जी… जो कभी क्षेत्र में निकले नही। पूरा जीवन कार्यालय में बिता दिए। अब कार्यालय में बैठ कर पूरे प्रदेश की राजनीति की समझ रखते है। उनका प्रोटोकॉल भी राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से कम नही बल्कि राष्ट्रीय अध्यक्ष तो फिर भी आप से पूछ लेंगे बात कर लेंगे… लेकिन इनसे मिलना और बात करना मुश्किल है। इनको भी पता है कि पूरी उम्र तो निकल ही गयी है। नाम के आगे माननीय भी लग गया है। पेंशन भी मिलेगी। जवाब तो अखिलेश यादव को देना है जनता के बीच में उन्हें जाना है हम क्यों इतना लोड लें।
इसी का नुकसान झेल रहे हैं हम। सच्चाई तो ये है कि हम हर मामले में बीजेपी से पीछे है। बीजेपी के खिलाफ बोल कर पोस्ट डाल कर उसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष को टैग करके हम उन्हें खुश कर सकते हैं लेकिन जनता को खुश नहीं कर सकते। ये बात भी सच है कि बीजेपी ने अभी तक ऐसा कोई काम नही किया है जिससे आम जनता को फायदा पहुंचा हो लेकिन उनके पास विकल्प क्या हैं। ये समझाने के लिए उनके बीच मे जाने वाला कौन है?? पर बीजेपी के पास संसाधन हैं, वो बिना कहीं जाए लोगों के दिमाग में कुछ भी भरने में माहिर है।
मायावती जी को दलितों की जगह दौलत की बेटी बता दिया। अखिलेश यादव को टोटी चोर बता दिया और लोग मान भी गए। हम चीखते चिल्लाते रहे लेकिन आज भी अखिलेश जी की कोई पोस्ट पड़ती है तो कमेंट बॉक्स में जा कर देखा जा सकता है कि आधे से ज्यादा भक्त टोटी चोर लिख कर चले जाते हैं। बीजेपी का काम हो गया है। इसी के सहारे वो ये चुनाव भी निकाल लेंगे। हम तारीफ सुनने और राष्ट्रीय अध्यक्ष जी को सिर्फ खुश करने में ही रह जाएंगे। मरेगा सिर्फ कार्यकर्ता।
(आकाश यादव जर्नलिज़म में रिसर्च कर रहे हैं, और सपा पर बारीकी से नज़र रखते हैं)