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16 Oct 2024, Wed

लखनऊ, यूपी

आजकल देश में नाम बदले जाने की राजनीति पूरे चरम पर है। उत्तर प्रदेश में मुगलसराय रेलवे स्टेशन, फिर इलाहाबाद और उसके बाद छोटी दीवाली पर फैजाबाद का नाम अयोध्या कर दिया गया है। आगरा और मुजफ्फरनगर जिलों के नाम बदले जाने की मांग बीजेपी कार्यकर्ता कर रहे हैं।

ऐसा माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मन बना रखा है कि अगर कुछ ऐतिहासिक प्रमाण मिले तो नाम बदल देंगे। नाम बदलने की बीजेपी की राजनीति पर मशहूर और विद्वान इतिहासकार प्रो. इरफान हबीब ने एक कड़ा तंज़ किया है। इतिहासकार प्रो. इरफान हबीब ने भाजपा पर कहा कि शाह एक पार्सियन शब्द है, यह संस्कृत तो बिल्कुल नहीं है। हबीब ने आगे लिखा कि यदि वे (बीजेपी) शहरों का नाम बदल रहे हैं तो उन्हें सबसे पहले इसकी शुरुआत अपने नाम से ही करनी चाहिए।

ऐसा नहीं है कि नाम बदलने से सभी खुश हैं। भारतीय जनता पार्टी की जिलों के नाम बदलने से उसके सहयोगियों नाराज हैं। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने भाजपा पर सीधा हमला बोलते हुए कहाकि यदि भाजपा को मुसलमानी नामों से इतनी ही चिढ़ है तो पहले वह अपने मुस्लिम नेताओं के नाम बदल दे।

उत्तर प्रदेश में जिलों का नाम बदलने की सियासत बहुत पुरानी है। इससे पहले जब भी समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की सरकारें आयीं तो उन्होंने उत्तर प्रदेश के कई जिलों के नाम अपनी पसंद अनुसार बदले।