नई दिल्ली
ज़ाकिर नाइक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर बैन लगाने का एनडीए सरकार का फैसला मुसलमानों के संवैधानिक अधिकारों पर सीधा हमला है। सरकार ने ये प्रतिबंध बिना किसी सबूत के लगाया गया है, जबकि संस्था किसी भी प्रकार की राष्ट्रविरोधी काम में शामिल नहीं है। ये बातें सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष ए सईद ने जारी एक बयान में कही।
ए सईद ने कहा कि आईआरएफ पर गैरकानूनी गतिविधि निरोधक कानून के तहत बैन लगाया गया है। इसका सीधा मतलब मुसलमानों को अपने धर्म के प्रचार-प्रसार से रोकना है। आईआरएफ पिछले 25 सालों से शांतिपूर्ण तरीके से और कानून के मुताबिक पूरी दुनिया में काम कर रही है। ये संस्था काफी बेहतर तरीके से मुसलामानों को अमन से साथ जोड़ने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि देश में आरएसएस नफरत फैला रहा है लेकिन केंद्र सरकार उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। इसके उलट मोदी सरकार मुस्लिम धार्मिक उलेमाओं को निशाना बना रही है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष ए सईद ने कहा कि बीजेपी का मकसद देश में सांप्रदायिकता फैलकर वोटों को अपनी तरफ खींचना है। जो लोग भी बीजेपी के इस कदम का विरोध करते हैं उन्हें सलाखों के पीछे डाल दिया जाता है। उन्होंने कहा कि एसडीपीआई मोदी सरकार के इस तरह के फैसले का पूरज़ोर विरोध करती है।