लखनऊ, यूपी
बीजेपी ने लोकसभा चुनाव से पहले सख्त कदम उठाया है। पार्टी ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को आज़मगढ़ में से चुनाव लड़ने पर अपने घर को चुनाव कार्यालय के लिए देने का ऑफर देने पर कड़ा रुख अपनाया है। पार्टी ने आईपी सिंह को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है।
बीजेपी की तरफ से बयान जारी करते हुए पार्टी के प्रदेश महामंत्री और एमएलसी विद्यासागर सोनकर ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय निर्देशानुसार आईपी सिंह को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया गया है।
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दरअसल अखिलेश यादव के आजमगढ़ से चुनाव लड़ने की घोषणा से यूपी के बीजेपी नेता आईपी सिंह ने खुशी जताई थी। कभी यूपी में कल्याण सिंह सरकार में दर्जा राज्य मंत्री रहे आइपी सिंह ने अखिलेश यादव के सामने अपने घर को चुनाव कार्यालय बनाने का ऑफर रख दिया। टीवी चैनलों पर अक्सर बीजेपी का पक्ष रखते हुए नजर आने वाले सिंह मूलतः आजमगढ़ के ही रहने वाले हैं।
समाजवादी पार्टी की ओर से अखिलेश यादव के आजमगढ़ से लड़ने की घोषणा के तुरंत बाद बीजेपी नेता आईपी सिंह ने ट्वीट कर कहा था, कि “माननीय अखिलेश यादव जी का आजमगढ़ पूर्वांचल से लोकसभा का चुनाव लड़ने की घोषणा होने के बाद पूर्वांचल की जनता में खुशी की लहर, युवाओं में जोश, आपके आने से पूर्वांचल का विकास होगा। जाति और धर्म की राजनीति का अंत होगा। मुझे खुशी होगी यदि मेरा आवास भी आपका चुनाव कार्यालय बने।”
पिछले काफी समय से आइपी सिंह बीजेपी के कुछ शीर्ष नेताओं से नाराज चल रहे हैं। बीजेपी के सभी नेता, जहां ट्विटर पर ‘चौकीदार’ लगाए हैं, वहीं आईपी सिंह ‘उसूलदार’ लिखे हुए हैं। प्रदेश संगठन मंत्री सुनील बंसल को लेकर भी वह कई बार ट्वीट के जरिए अपनी भड़ास निकाल चुके हैं। छात्र जीवन में एबीवीपी की राजनीति करते हुए सिंह लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रसंघ महामंत्री बने और फिर बीजेपी की राजनीति में आए। 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान वह तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी के साथ चुनाव प्रचार में लगे हुए थे। कई साल पहले बीजेपी में दागी नेता बाबू सिंह कुशवाहा को शामिल किए जाने पर प्रदेश कार्यकारिणी में रहते हुए आईपी सिंह ने आवाज उठाई थी, जिसके बाद उन्हें कुछ समय के लिए पार्टी ने निलंबित कर दिया था। बाद में उन्हें पार्टी ने वापस ले लिया था।
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