भोपाल, इंदौर
प्रदेश की कमान संभालते ही कांग्रेस सरकार खास करके उन घोटालों को उजागर करने में जुटी हुई है, जिसमें बीजेपी नेता शामिल रहे हो।सरकार ने अब पूर्व लोकसभा सांसद सुमित्रा महाजन ‘ताई’ पर शिंकजा कसने की तैयारी कर ली है।जल्द ही सरकार इंदौर के बहुचर्चित महाराष्ट्र ब्राह्मण को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले की नये सिरे से जांच करवाने वाली है। बता दे कि जब ये घोटाला हुआ था तब सुमित्रा महाजन के बेटे मिलिंद महाजन बैंक के डायरेक्टर थे।घोटाले को लेकर अब ताई कांग्रेस के निशाने पर आ गई है। हालांकि अभी तक ताई की इस पर कोई प्रतिक्रिया सामने नही आई है।
आज मीडिया से चर्चा के दौरान पीडब्ल्यूडी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने बयान दिया है कि इंदौर के बहुचर्चित महाराष्ट्र ब्राह्मण को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले की भी नये सिरे से जांच की जाएगी। दोषियों पर जांच के बाद कार्यवाही की जाएगी। वर्मा ने ताई और उनके पीए वन्दना ताई के बैंक अकाउंट की भी जांच करवाने की बात कही है।
चुंकी जब ये घोटाले हुआ था तब वंदना के पति भी आरोपों के घेरे में थे। सज्जन सिंह वर्मा ने दावा किया है कि महाराष्ट्र ब्राह्मण कॉपरेटिव बैंक घोटाले की फाइल खुलने के बाद 30 करोड़ रुपये तक का घोटाला सामने आ सकता है। बैंक घोटाले में आम लोगों की जमापूंजी का मनमाने तरीके से हुआ बंदरबांट किया गया है।वर्मा ने यह भी दावा किया है कि बैंक के पूर्व अध्यक्ष ने भी सीएम कमलनाथ को घोटाले से जुड़े दस्तावेज सौंपे।
गौरतलब है कि 30 जून 1927 को 92 साल पहले मराठी समाज के लिए महाराष्ट्र ब्राह्मण सहकारी बैंक की स्थापना की गई थी। 1985 में सुमित्रा महाजन इसकी डायरेक्टर बनायी गयी थीं। 1997 में सुमित्रा महाजन के बडे़ बेटे मिलिंद महाजन बैंक के डायरेक्टर बना दिए गए और वो 2003 तक इस पद पर रहे।उनके साथ सुमित्रा महाजन की निज सचिव वंदना महस्कर के पति बसंत महस्कर संचालक मंडल में शामिल थे इस दौरान बैंक में करीब 30 करोड़ का घोटाला हुआ था।
इस मामले में 16 लोगों के खिलाफ 2005 में सेंट्रल कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी और जांच सामने आने के बाद बसंत महस्कर,यशवंत डबीर और विकास पुंडलिक मनमर्जी से लोन बांटने में दोषी साबित हुए थे। तीनों को 5-5 साल की सजा हुई जो हाईकोर्ट के आदेश पर ज़मानत पर रिहा हैं।अब सत्ता में आने के बाद कांग्रेस ने फिर से इसकी केस की फाइल खोलने का फैसला किया है।