न्यूयार्क, अमेरिका
अमेरिकी थिंक टैंक प्यू रिसर्च सेंटर के मुताबिक इसी सदी के आखिर में पूरी दुनिया में मुसलमानों की आबादी सबसे ज़्यादा हो जाएगी। फिलहाल पूरी दुनिया में ईसाइयों की आबादी सबसे ज़्यादा है। प्यू रिसर्च सेंटर का कहना है कि 2010 तक दुनिया में मुसलमानों की आबादी करीब 1.6 अरब थी। ये दुनिया की कुल आबादी का 23 फीसदी है।
प्यू रिसर्च सेंटर ने कहा कि है कि फिलहाल इस्लाम अभी दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है, लेकिन ये भी सच है कि इस्लाम सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली धर्म है। प्यू के मुताबिक अगर इस्लाम इसी रफ्तार से बढ़ता रहा तो इक्कीसवीं सदी के आखिर तक इस्लाम के मामने वालों की संख्या ईसाई धर्म को मामने वालों से ज़्यादा हो जाएगी। इस समय इंडोनेशिया दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला मुल्क है। साल 2050 तक भारत दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला मुल्क बन जाएगा जहां करीब 30 करोड मुसलमान होंगे। फिलहाल भारत इंडोनेशिया के बाद दूसरे नंबर पर है।
प्यू रिसर्च सेंटर के मुताबिक साल 2050 तक यूरोप की मुस्लिम आबादी में करीब 10 प्रतिशत बढ़ोतरी हो सकती है। वहीं अमेरिका में 2050 तक मुस्लिम आबादी कुल जनसंख्या का 2.1 फीसदी हो सकती है। अभी अमेरिका में मुस्लिम आबादी करीब एक फीसदी है। मुसलमानों की आबादी बढ़ने के पीछे दो प्रमुख वजहें हैं। पहला, मुसलमानों की जनसंख्या वृद्धि दर बाकी धर्मों से ज्यादा है। वैश्विक स्तर पर मुस्लिम महिला के औसतन 3.1 बच्चे होते हैं जबकि बाकी धर्मों का ये औसत 2.3 है।
वहीँ मुसलमानों की जनसंख्या ज़्यादा बढ़ने का दूसरी वजह युवा आबादी है। युवा आबादी होने का मतलब मुसलमानों की बड़ी आबादी या तो बच्चे पैदा कर रहे हैं या भविष्य में करेगी। सबसे ज्यादा प्रजनन दर और सबसे ज्यादा युवा आबादी के कारण मुसलमानों की आबादी तेजी से बढ़ सकती है। यहीं वजह है कि ये प्यू रिसर्च सेंटर ने ये रिपोर्ट पेश की है।