रियाद, सऊदी
केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह सऊदी अरब में फंसे भारतीय मजदूरों को बचाने सऊदी अरब पहुंच गए हैं। फंसे भारतीय मजदूरों की संख्या 10 हजार बताई जा रही है। इन मजदूरों में कई को खाने पीने की चीजों को खरीदने तक के पैसे नहीं हैं। वी के सिंह ने भारतीय कामगारों की समस्याओं के मुद्दे पर सऊदी अरब के लेबर एंड सोशल डेवलपमेंट मिनिस्टर मोफरेज अल हकवानी से मुलाकात की।
सऊदी अरब ने इन मजदूरों को वापस भारत लौटने की इजाज़त दे दी है। दरअसल यहां 100 से ज्यादा कंपनियां बंद होने से करीब 15 हज़ार भारतीयों के करीब 120 करोड़ रुपए फंस गए हैं। विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह ने कहा कि किसी भी भारतीय को यहां छोड़ा नहीं जाएगा। दूसरी तरफ सऊदी सरकार ने भारतीयों को अपनी कंपनियां बदलने की छूट भी दी है।
ज़ोर-शोर से उठा था मुद्दा
ये मुद्दा संसद को दोनों सदन में ज़ोरदार तरीके से उठा था। राज्यसभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बयान दिया था कि जो भी भारतीय वहां से देश लौटना चाहते हैं। सरकार उनके लिए अरेंजमेंट करेगी। रियाद में इंडियन काउंसलेट ने भी कैंपों में रह रहे 2500 से ज्यादा ऐसे भारतीयों की जानकारी जुटाई है जो देश लौटना चाहते हैं।
क्यों हुए भारतीय बेरोजगार
दरअसल पेट्रोल की कीमत अन्तर्राष्ट्रीय बाज़ार में काफी कम हो गई हैं। इन वजह से सऊदी अरब में मंदी आ गई हैं। इस वजह से कई कंपनियां बंद हो गई हैं या बंदी के कगार पर हैं। इन कंपनियों के मालिक या तो अंडरग्राउंड हो गए हैं या उन्होंने खुद को डिफाल्टर डिक्लेयर कर दिया है।
बुरे हालात में हैं मजदूर
सऊदी अरब में फंसे 10 हजार से ज्यादा बेरोजगार भारतीय मजदूरों के पास देश वापसी के लिए किराया तक नहीं है। कई कंपनियां तो इन लोगों के पासपोर्ट तक जब्त कर लेती हैं। इन लोगों को 7 महीने से सैलरी नहीं मिली है। इंडियन एम्बेसी ने इन लोगों को अगले 10 दिनों के लिए खाने-पीने का सामान दिया है। एक अनुमान के मुताबिक साल 2015 में गल्फ कंट्रीज में 5,900 भारतीय मजदूरों की मौत हो चुकी है। 3,172 वर्कर्स को रियाद में लगभग 7 महीने से वेतन नहीं मिला है जबकि 2,450 मजदूर जेद्दाह, मक्का और ताइफ के कैंप में हैं।
कंपनियों को मिला नोटिस
रियाद में भारतीय एम्बेसी के अफसरों के मुताबिक, सऊदी सरकार के लेबर और फॉरेन मिनिस्ट्री के पास रिपोर्ट पहुंच चुकी है। अब तक सऊदी सरकार ने 55 सऊदी कंपनियों की सीआर क्लोज करके इनको नोटिस दिए हैं। सऊदी में किसी कंपनी की सीआर क्लोज करने के मायने हैं कि उस कंपनी के बिजली, पानी व टेलीफोन कनेक्शन बंद, अन्य सरकारी राहत भी बंद और उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू हैं। खाड़ी देशों में काम कर रहे भारतीय मजदूर हर साल 30 बिलियन डॉलर इंडिया भेजते हैं।