नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नागरिकता प्रमाणपत्र पता करने के लिए एक RTI दायर हुई है। इस RTI के जवाब में प्रधानमंत्री ऑफिस ने कहा है कि पीएम का नागरिकता प्रमाणपत्र होने का सवाल ही पैदा नहीं होता है क्योंकि वो जन्म से ही भारतीय नागरिक हैं। ये RTI, शुभांकर सरकार नाम के शख्स ने दायर की थी।
1955 के नागरिकता कानून के सेक्शन 3 के मुताबिक प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जन्म से ही भारत के नागरिक हैं। ऐसे में उनके नागरिकता प्रमाणपत्र होने का सवाल ही नहीं उठता है क्योंकि वो रजिस्ट्रेशन से नागरिकता के लिए होता है।
RTI में क्या है?
सबसे पहले ‘द सियासत डेली’ ने ही खबर को रिपोर्ट किया था। उसकी खबर कहती है कि PMO का जवाब ‘अस्पष्ट और साफ नहीं था।’
वरिष्ठ पत्रकार सिमी पाशा ने RTI की कॉपी और उसके जवाब को ट्वीट किया था।
If PM @narendramodi does not require to register his citizenship, as per Section 3 of the Citizenship Act 1955, then why should others?
Here is the PMO’s response to an RTI filed by Subhankar Sarkar (632/2020-PME) #CAA_NRC_NPR #DelhiRiot2020 #DoubleStandards pic.twitter.com/WydrnFMZt8— seemi pasha (@seemi_pasha) February 29, 2020
“PMO ने कहा- कागज नहीं दिखाएंगे”
RTI पर PMO का जवाब वायरल हो गया है। इस पर नेताओं, सोशल एक्टिविस्ट और पत्रकारों के साथ ही कई लोगों का रिएक्शन आ रहा है। ट्विटर पर लोगों ने कहा, “PMO ने कह दिया है कि कागज नहीं दिखाएंगे।”
"Kagaz Nahin Dikhayenge" says PMO as a response to the RTI seeking info about PM Modi's date of birth certificate. Apparently, PM Modi too doesn't have a DOB and is at risk of losing his citizenship after implementation of NRC. damn! 🤦♂️ pic.twitter.com/oXohsTxa6k
— Gaurav Pandhi (@GauravPandhi) February 29, 2020
Below is the copy of the RTI reply regards the #citizenship certificate of @PMOIndia #India.
If @PMOIndia @narendramodi ji does not require to register his citizenship as per section 3 of #CitizenshipAmendmentAct 1955, THEN WHY SHOULD WE? pic.twitter.com/wMZ9T21SCE
— Netta D'Souza (@dnetta) February 29, 2020