Breaking
4 Dec 2024, Wed

नबी के शान में ग़ुस्ताखी पर आज़मगढ़ में जबर्दस्त प्रदर्शन

शफ़ी आलम

आज़मगढ़, यूपी

सड़क पर हज़ारों लोगों का हुजूम। बुजुर्ग, जवान और बच्चे एक साथ। इस्लाम के हर मसलक के मानने वाले कदम से कदम मिलाकर एक साथ निकले। सभी के चेहरे पर गुस्सा और दिलों अपने प्यारे नबी की मोहब्बत। दरअसल ये लोग पैगंबर-ए-इस्लाम की शान में गुस्ताखी पर घरों से बाहर निकल कर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस्लाम धर्म के मानने वालों के लिए नबी की मोहब्बत अपनी जान से भी ज़्यादा प्यारी हैं। मुसलमान सब कुछ बर्दास्त कर सकता है पर पैगंबर-ए-इस्लाम की शान में गुस्ताखी को कभी बर्दास्त नहीं कर सकता।

111215 PROTEST AGAINST STATEMENT AZAMGARH 5

शहर आज़मगढ़ में आज इतिहास रचा गया। इस्लाम के मानने वाले सभी तबकों के हज़ारों लोगों ने जुमा की नमाज़ के बाद जुलूस निकाला। ये जुलूस मदरसा जमितुर रशाद और जामा मस्जिद से निकल कर मैदान-ए-कर्बला तक गया। वहा पहुंच कर जुलूस जलसे में बदल गया। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने राज्य सरकार से मांग की कि अभद्र बयान देने वाले पर सख़्त कार्रवाई की जाए। इन लोगों ने चेतावनी दी कि अगर कड़ी कार्रवाई नहीं की गई तो हम मुसलमान चुप नहीं बैठेंगे।

जामा मस्जिद के इमाम मौलाना इफ़्तिख़ार ने कहा कि मुसलमान कौम के लिए नबी की मोहब्बत उसकी जान से भी ज़्यादा कीमती है। उन्होंने कहा कि मैं सरकार को बताना चाहता हूँ कि मुसलमान अपने रसूल के लिए अपनी जान और माल सबकुछ क़ुर्बान कर देंगे।

111215 PROTEST AGAINST STATEMENT AZAMGARH 3

जमितुर रशाद के इमाम मौलाना ओसामा रशादी ने कहा कि हिंदू महासभा के अध्यक्ष का बयान किसी भी हाल में बर्दास्त करने लायक नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसे घटिया बयान के लिए कमलेश तिवारी को कड़ी से कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए नहीं तो कहीं ऐसा न हो कि लोग कानून अपने हाथ में ले लें। उन्होंने कहा कि अगर सज़ा नहीं हुइ तो हम ख़ुद उसको सज़ा देंगे।
राष्ट्रीय उलेमा कौंसिल के युवा प्रदेश अध्यक्ष नूरुलहुदा ने कहा कि मुसलमान कौम इतिहास बदलने का माद्दा रखती है। हमें मजबूर न समझा जाए वरना इसका अंजाम बहुत बुरा होगा। उन्होंने कहा कि मुसलमान हर दौर में इतिहास बदल सकते हैं।

सभा का संचालन कर रहे सलीम उर्फ पप्पू ने कहा कि देश के गृह मंत्री राजनाथ सिंह पर एक छोटी सी टिप्पणी करने पर हंगामा मच जाता हैं, संसद ठप कर दी जाती है और उसे वापस लेने का दबाव बनाया जाता है। जबकि पैगंबर-ए-इस्लाम पर निहायत ही अभद्र टिप्पणी करने पर संसद मौन है। मुसलमानों के नाम पर सत्ता में आए दल भी आज खामोश हैं, क्यों ?

उलेमा कौंसिल के महासचिव मौलाना ताहिर मदनी ने कहा कि ये सिर्फ एक चिंगारी है। अगर ये शोला बन गई तो इसका असर कहा तक होगा अंदाज़ा लगाना मुश्किल है। सभा को संबोधित करते हुए उमैर सिद्दीक़ी नदवी ने कहा कि हर ज़िले से कमलेश तिवारी के ख़िलाफ़ एफआईआर कराई जाए। काशिफ़ ख़ान ने कहा कि जब भी किसी ने नबी की शान में गुस्ताखी की है, उसका अंजाम बुरा हुआ हैं। कमलेश तिवारी का भी अंजाम बुरा होगा। पूरी दुनिया के मुसलमान उसपर लानत भेज रहे हैं। मो शीबू ने सभा में कहा कि सरकार को ऐसे लोगों पर तुरंत रोक लगानी चाहिए वरना इससे माहौल बिगड़ सकता है और ऐसे में देश का बड़ा नुक़सान होगा।

इसके अलावा मो ज़ुबैर साहब, मो अहमद, कमरुल हसन, अरशद, फ़ारूक़ अंसारी, मो जावेद, मो अम्मार रशादी समेत कई वक्ताओं ने भी सभा को संबोधित किया। इस मौके पर मो अजमल, मो शीबू, मो ग़यासुद्दीन, आमिर संजरी, मो कवि, मो शमी, मो इज़हार, मो आबिद समेत हज़ारों लोग मौजूद थे।

111215 PROTEST AGAINST STATEMENT AZAMGARH 1

इससे पहले ज़िलाधिकारी के माध्यम से एक ज्ञापन राष्ट्रपति को भेजा गया। इस ज्ञापन में कहा गया है कि देश भाईचारा, आपसी प्रेम और एक दूसरे की भावनाओं के प्रति हमेशा सजग रहा हैं। इसके बावजूद कुछ लोग अलग भावनाओं और सीमित विचारों के कारण देश की एकता और अखण्डता और उसके सामाजिक बन्धनों को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। ये लोग नफ़रत और असहिष्णुता का वातावरण फैला रहे हैं। यही लोग इस्लाम के पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद साहब की शान में ज़बान दराजी करते हुए ऐसे अपशब्द निकाले हैं जो न केवल मुसलमानों को बल्कि किसी भी सभ्य समाज के लिए असहनीय और बहुत ही दुख:दायी हैं।

ज्ञापन में कहा गया है कि हमें पूरा यकीन है कि राष्ट्रपति लाखों लोगों की आवाज़ सुनेंगे और कमलेश तिवारी और उस जैसे इन्सानों को उनके घिनौने जुर्म की सज़ा दिलाएँगे।

मालूम हो कि हिंदू महासभा के अध्यक्ष कमलेश तिवारी ने नबी की शान में गुस्ताखी की है। कमलेश किवारी ने पैगंबर-ए-इस्लाम पर अभद्र और अशोभनीय बात कही है। इससे मुसलमानों में जबरदस्त गुस्सा है। पूरे मुल्क में जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं।

5 thoughts on “नबी के शान में ग़ुस्ताखी पर आज़मगढ़ में जबर्दस्त प्रदर्शन”
  1. ham musalmano ke rasool jiske naam pr musalman kuch bhi Qurban kar sakta hai unki shaan me ek gira hua or shaitani shakl me samaaj me nafrat failate hai .. zaher bone ka kaam karte hai.. aise deshdrhiyo or asamaajik tatvo ko chaurahe par faansi par lat ka dena chahiye

  2. कमलेश तिवारी तो क़त्ल कर देना चाहिए बीच सड़क पर ताकि फिर कभी कोई रसूल स.अ.व. की शान में गुस्ताखी करने की ना सोचे

Comments are closed.