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22 Dec 2024, Sun

बेटे की हत्या पर इमाम ने की थी शांति की अपील, रिजल्ट आया चौक गए

WEST BENGAL IMAM RASHIDI SON PASS EXAM 1 080618

आसनसोल, पश्चिम बंगाल

याद करिए… पश्चिम बंगाल के कोयला क्षेत्र में स्थित आसनसोल की एक मस्जिद के इमाम मौलाना इमदादुल्लाह रशीदी को। इस साल मार्च में इलाके के सांप्रदायिक दंगे की आग में अपना जवान बेटा खोने के बावजूद उन्होंने अल्पसंख्यक तबके के लोगों से बदले की भावना त्यागने और इलाके में शांति बनाए रखने की अपील की थी। अब इमाम के उसी मृत बेटे शिबगातुल्लाह ने मौत के लगभग दो महीने बाद अपने परिवार को आखिरी तोहफा दिया है। ये तोहफा है दसवीं की परीक्षा पास होने की मार्कशीट और प्रमाणपत्र का। शिबगातुल्लाह 10वीं की परीक्षा पास करने वाला अपने खानदान का पहला नौजवान है।

बुधवार को पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से दसवीं के नतीजे घोषित हुए। इसके कुछ देर बाद जब रामनगर इकबाल अकादमी की ओर मौलाना रशीदी को फोन पर उनके बेटे के पास होने की जानकारी दी गई तो उनको समझ में नहीं आ रहा था कि वे खुश हों या रोएं। उस फोन के बाद वे पूरे दिन मस्जिद से बाहर ही नहीं निकले। मौलाना रशीदी ने कहा कि मेरे बेटे का सपना तो उसके साथ कब्र में दफन हो गया। वह जीवित होता तो आज बेहद खुश होता।

मौलाना रशीदी बताते हैं कि शिबगातुल्लाह अपने भविष्य के सपनों के बारे में कोई चर्चा नही करता था। लेकिन मुझे लगता है कि वह डॉक्टर बनना चाहता था। पर अब इन बातों को दोहराने से क्या फायदा है। शिबगातुल्लाह ने बीते 21 मार्च को 10वीं का आखिरी पर्चा दिया था। चार दिनों बाद सांप्रदायिक दंगा भड़कने पर वह लापता हो गया और बाद में उसका शव बरामद किया गया था। पर इमाम रशीदी ने अपने बेटे के हत्यारों के बारे में कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया था।

इस दर्दनाक हत्या से नाराज होकर बदला लेने पर उतारू भीड़ से मौलाना रशीदी ने कहा था कि अगर उन लोगों ने कोई गड़बड़ की वे हमेशा के लिए शहर छोड़ कर चले जाएंगे। उनकी बातों का ऐसा असर हुआ कि भीड़ बैठ गई। इसके बाद पूरे देश में उनके कदमों की तारीफ की गई। इसके लिए बाद में ज़िला प्रशासन और राज्य सरकार की ओर से मौलाना रशीदी को सम्मानित भी किया गया।