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23 Dec 2024, Mon

ICU में भर्ती अजय के लिए आरिफ ने रोज़ा तोड़कर ब्लड दिया

ARIF KHAN DONATE BLOOD TO HINDU YOUTH IN ROZA 1 200518

देहरादून, उत्तराखंड

इंसानियत का सर ऊंचा करते हुए आरिफ ख़ान ने रोज़ा तोड़कर एक हिंदू युवक की जान ही नहीं बचाई बल्कि यह भी साबित कर दिया कि इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं है। आरिफ ने इसके साथ ही कट्टर मानसिकता और गंदी ज़ेहनियत के नाम पर इंसान और इंसानियत को बांटने वालों के मुंह पर तगड़ा तमाचा जड़ा है।

यहां के मैक्स अस्पताल में भर्ती 20 साल के अजय बिजल्वाण की हालत बेहद गंभीर है और आइसीयू में है। लीवर में इंफेक्शन से अजय की प्लेटलेट्स तेज़ी से गिर रही थीं और शनिवार सुबह पांच हजार से भी कम रह गई थीं। चिकित्सकों ने पिता खीमानंद बिजल्वाण से कहा कि अगर ए-पॉजिटिव ब्लड नहीं मिला तो जान को खतरा हो सकता है। काफी कोशिश के बाद भी डोनर नहीं मिला। इसके बाद खीमानंद के परिचितों ने इस संबंध में सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल कर लोगों से मदद मांगी।

ये पोस्ट सहस्रधारा रोड, नालापानी चौक निवासी नेशनल एसोसिएशन फॉर पेरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ ख़ान को व्हाट्स एप ग्रुप के माध्यम से मिली। सूचना मिलने पर उन्होंने अजय के पिता को फोन किया। आरिफ ने ब्लड डोनेट करने की बात कही और कहा कि वह रोज़े से हैं, अगर चिकित्सकों को कोई दिक्कत नहीं है तो वह खून देने के लिए तैयार हैं।

चिकित्सकों ने कहा कि खून देने से पहले कुछ खाना पड़ेगा यानी रोज़ा तोड़ना पड़ेगा। आरिफ ख़ान ने इस मौके की नज़ाकत को समझते हुए ज़रा भी देर नहीं की और अस्पताल पहुंच गए। उनके खून देने के बाद चार लोग और भी अस्पताल पहुंचे। आरिफ ख़ान ने बताया कि रमजान में ज़रूरतमंदों की मदद करने का बड़ा महत्व है। मेरा मानना है कि अगर हम भूखे रहकर रोज़ा रखते हैं और ज़रूरतमंद की मदद नहीं करते तो अल्लाह कभी खुश नहीं होंगे। मेरे लिए तो यह सौभाग्य की बात है कि मैं किसी के काम आ सका।