Breaking
22 Dec 2024, Sun

सूरत, गुजरात

ज़िले के लिम्बायत इलाके में एक मंदिर में रविवार को महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का जन्मदिन कथित तौर पर मनाने के लिए हिंदू महासभा के छह कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया। नाथूराम गोडसे का जन्म 19 मई 1910 को पुणे जिले के बारामती में हुआ था जो उस समय बंबई प्रेजीडेंसी का हिस्सा था। सूरत पुलिस आयुक्त सतीश शर्मा ने बताया कि हिंदू महासभा कार्यकर्ताओं ने शहर के लिम्बायत इलाके में सूर्यमुखी हनुमान मंदिर के परिसर में जश्न मनाया जिसके बाद उन्हें सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया।

पुलिस आयुक्त शर्मा ने कहा, ‘‘गोडसे के जन्मदिन के समारोह के दौरान इन हिंदू महासभा के सदस्यों ने मंदिर परिसर में गोडसे की तस्वीर के पास दिये जलाए, मिठाइयां बांटी और भजन गाए। यहां तक कि उन्होंने कार्यक्रम की वीडियो बनाई और तस्वीरें ली।’’ उन्होंने कहा, ‘‘गांधी जी की हत्या करने वाले गोडसे के जन्मदिन का जश्न मनाने की उनकी हरकत से नागरिकों की भावनाएं काफी आहत हुई। यह लोगों को भड़काने और शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ने की कोशिश है।’’

अधिकारियों ने बताया कि इन छह लोगों को आईपीसी की धारा 153, 153ए और 153बी के तहत गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने गिरफ्तार लोगों की पहचान हिरेन मशरू, वला भारवाड, वीराल माल्वी, हितेश सुनार, योगेश पटेल और मनीष कलाल के रूप में की है। हिंदू महासभा के कार्यक्रम की सत्तारूढ़ बीजेपी के प्रवक्ता भरत पांड्या ने कहा कि गांधीजी की आलोचना करना ‘‘आसमान पर थूकने’’ की तरह है। उन्होंने कहा कि अपरिपक्व लोगों ने ऐसे समारोह का आयोजन किया जिनके पास महात्मा गांधी की शिक्षाओं के प्रति कोई दूरदृष्टि नहीं है।

कांग्रेस ने साधा निशाना
कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर बीजेपी पर हमला किया। गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष दोशी ने कहा, ‘‘बीजेपी को देश को बताना चाहिए कि क्या वे महात्मा गांधी की विचारधारा का प्रचार करते हैं या गोडसे की. चाहे अनंत कुमार हेगड़े हो या प्रज्ञा सिंह ठाकुर, बीजेपी नेता गोडसे की विचारधारा का प्रचार करने में व्यस्त हैं। यह गंभीर चिंता का विषय है।’’ उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी के ‘‘दोहरे रवैये’’ का पर्दाफाश हो गया है।

गुजरात सरकार का बयान
गुजरात के गृह मंत्री प्रदीप सिंह जडेजा ने कहा कि राज्य सरकार गोडसे के जन्मदिन के ऐसे समारोह को बर्दाश्त नहीं करेगी और दावा किया कि पुलिस को शीघ्र निर्देश देने से सभी छह महासभा सदस्यों को गिरफ्तार किया गया।