गुरदीप सिंह सप्पल की फेसबुक वाल से

नई दिल्ली
ओह! नेहरु, कॉंग्रेस ने लोकतंत्र नहीं दिया, देश को बाँटा। लेकिन तब RSS-हिन्दु महासभा क्या कर रहे थे?
1939 में हिन्दु महासभा और मुस्लिम लीग ने मिलकर NWFP और सिंध में सरकार बनाई। दोनों ही मिल कर सरकार चलाते रहे।
दोनों ही गठबंधन पार्ट्नर Quit India के ख़िलाफ़ थे और अंग्रेज़ों के साथ थे।
मार्च, 1943 सिंध असेम्बली में पाकिस्तान बनाने का प्रस्ताव इसी गठबंधन की सरकार ने पास किया। इस प्रस्ताव के बाद भी, अप्रैल 1943 में हिंदू महासभा और मुस्लिम लीग की एक और गठबंधन की सरकार NWFP (नॉर्थ वेस्ट फ़्रंटियर प्राविन्स) में बनी।
जिन्हें भी ये जानकारी हैरान करने वाली लगी, उन्हें ये भी बता दें कि Two Nation Theory की बात 30 दिसम्बर, 1937 को सावरकर ने हिंदू महासभा के 19वें अधिवेशन में दी थी। 15 अगस्त, 1943 को नागपुर में अपने भाषण में सावरकर ने कहा था कि ‘मिस्टर जिन्ना की टू नेशन थ्योरी से मेरा कोई झगड़ा नहीं है। हम, हिंदू, स्वयं में एक राष्ट्र हैं और ये ऐतिहासिक तथ्य है कि हिंदू और मुस्लिम दो राष्ट्र हैं’।
इसीलिए हिंदू महासभा को मुस्लिम लीग के साथ गठबंधन सरकार बनाने में कोई नैतिक दिक़्क़त नहीं आयी थी।
(गुरदीप सिंह सप्पल हिंद किसान मीडिया ग्रूप के सीईओ हैं। व राज्य सभा टीवी के सीईओ रह चुके हैं। वह मीडिया में कई सालों से सक्रिय हैं।)