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15 Mar 2025, Sat

सीएम योगी पर दंगे का केस चलाने की मांग करने वाली याचिका खारिज

ALLAHABAD HIGH REJECT PLEA AGAINST YOGI 1 220218

इलाहाबाद, यूपी

हाई कोर्ट इलाहाबाद ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ एक याचिका पर सुनवाई करते हुए गोरखपुर दंगों में उनकी भूमिका की जांच की मांग को खारिज कर दिया। इस याचिका में साल 2007 में हुए गोरखपुर दंगों में मौजूदा सीएम और तत्कालीन गोरखपुर सीट से सांसद योगी आदित्यानाथ की भूमिका की जांच दोबारा सीबीआई से करवाने की मांग की गई थी।

क्या है मामला
मालूम हो कि योगी आदित्यनाथ के खिलाफ 2 नवंबर, 2008 को गोरखपुर के कैन्टोनमेंट थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। एफआईआर में यह आरोप लगाया गया था कि आदित्यनाथ, गोरखपुर के महापौर अंजू चौधरी, तत्कालीन एमएलए राधा मोहन अग्रवाल और अन्य लोगों ने 2007 में गोरखपुर में उग्र भाषणों से हिंसा को उकसाया था।

एफआईआर दर्ज कराने वाले परवेज़ परवाज़ और असद हयात ने 2008 में इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। दोनों ने हाईकोर्ट से अनुरोध किया था कि एक स्वतंत्र एजेंसी द्वारा इस आधार पर एफआईआर में जांच करने के निर्देश दिए जाएं कि कोई अपने मामले में खुद न्यायाधीश नहीं हो सकता।

सरकार ने मुकदमा चलाने की नहीं दी थी इजाज़त
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर 2008 में गोरखपुर के कैन्ट थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। बाद में मुकदमे की जांच सीबीसीआईडी को सौंप दी गई। याचियों ने दोबारा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर जांच किसी निष्पक्ष एजेंसी से कराने की मांग की। साथ ही सरकार के उस आदेश को भी चुनौती दी गई जिसमें मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं दी गई थी।

सरकार ने 3 मई, 2017 को आदित्यनाथ पर मुकदमा चलाने से इनकार कर दिया, जो तत्कालीन यूपी मुख्यमंत्री थे। उन्होंने दावा किया कि याचिकाकर्ताओं को अदालत से संपर्क करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि विरोध याचिका जैसे अन्य विकल्प उपलब्ध हैं। मुख्यमंत्री पर मुकदमा चलाने की अनुमति से यह कहते हुए इनकार कर दिया गया था कि आदित्यनाथ के कथित भड़काऊ भाषण की विडियो रिकॉर्डिंग से छेड़छाड़ की गई है। इसके बाद ही यह याचिका दाखिल की गई थी जिसमें सीएम की भूमिका की जांच की फिर से मांग उठाई गई थी। गुरुवार को हाई कोर्ट द्वारा याचिका खारिज कर दी गई है।