इलाहाबाद, यूपी
हाईकोर्ट के चाबुक के डर से मेरठ के ब्रह्मपुरी थाने में अखिल भारतीय हिंदू महासभा के दो नेताओं के खिलाफ शरिया अदालत की तर्ज पर हिंदू न्यायपीठ के गठन पर मुकदमा दर्ज किया गया है। हिंदू महासभा के मेरठ जिलाध्यक्ष अभिषेक अग्रवाल और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अशोक शर्मा के खिलाफ आईपी सी की धारा 153 ए (समाज में वैमन्यस्ता फैलाने), 502, 502 (1सी) और 188 के तहत केस दर्ज किया गया है।
दरअसल, 15 अगस्त को हिंदू महासभा ने हिंदुस्तान में पहली हिंदू न्यायपीठ स्थापित करने की घोषणा की थी,जिसमें बाकायदा एक कथित न्यायधीश की नियुक्ति की घोषणा भी की गई थी। इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेरठ पुलिस और सरकार से जवाब तलब किया था। जिसको संज्ञान में लेते हुए मेरठ पुलिस ने मेरठ के थाना ब्रह्मपुरी में हिंदू महासभा के दो लोगों के खिलाफ़ मुकदमा दर्ज किया है,जिसमें कहा गया है कि ऐसी न्यायपीठ की घोषणा करना असंवैधानिक है।
हिंदू महासभा का कहना है कि शरिया अदालतें अगर बंद कर दी जाती हैं तो वे भी हिंदू न्यायपीठ की स्थापना नही करेंगे। लेकिन अगर शरिया अदालतें बंद नहीं हुई तो हिंदू महासभा हिंदू न्यायपीठ की स्थापना करेगा। हालांकि हिंदू महासभा का दावा है कि हिंदू न्यायपीठ की स्थापना 15 अगस्त को हो चुकी है. अगर न्यायालय कुछ कहता है तो वो उसे मानेंगे।
गौरतलब है कि पश्चिम उत्तर प्रदेश में शरिया अदालत की तर्ज पर हिंदू कोर्ट गठित करने के मामले में मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान राज्य सरकार की तरफ से जवाब दाखिल करने के लिए कोर्ट से थोड़ा और समय की मांग की गई। जिस पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 17 सितम्बर तक जवाब दाखिल करने की मोहलत दी।
अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के ऐलान के खिलाफ कानपुर के अंकित कुमार सिंह ने ये जनहित याचिका दाखिल की है। याचिका पर अगली सुनवाई अब 17 सितंबर को होगी। कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर डीएम को नोटिस जारी कर 11 सितंबर तक जवाब मांगा है। अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने मेरठ में हिंदू कोर्ट का गठन किया है। इस कोर्ट में संगठन की राष्ट्रीय सचिव डा. पूजा शकुन पांडे को जज नियुक्त किया गया है। कोर्ट गठन के बाद डा. पूजा ने कहा था कि उन्हें गर्व है कि हिंदू महासभा नाथूराम गोडसे को पूजती है। अंकित सिंह ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इसमें कहा गया है कि जिस तरह धर्म के नाम पर कोर्ट गठित हो रहे हैं, वह देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए खतरा है। मामले पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने डीएम को 11 सितंबर तक जवाब दाखिल करने का नोटिस जारी किया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पश्चिमी यूपी में हिंदू कोर्ट के गठन पर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी करते हुए इस मामले पर जानकारी मांगी है। इसके साथ ही डीएम मेरठ और हिंदू कोर्ट की कथित जज पूजा शकुन पांडे को पक्षकार बनाने का निर्देश देते हुए भी नोटिस जारी किया है।इस मामले पर अगली सुनवाई के लिए 11 सितम्बर की तारीख तय की गई है।
जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस डी.बी.भोसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की पीठ इस मामले सुनवाई कर रही है। याचिका में कहा गया है कि, गत दिनों कुछ समाचार पत्रों में खबर प्रकाशित हुई थी कि पश्चिमी यूपी के कुछ जिलों में हिंदू संगठनों द्वारा हिंदू कोर्ट का गठन किया गया है।मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से याचिका में यह भी कहा गया है कि कोर्ट बनाने वाले संगठन ने हिंदुओं के मामलों को निस्तारण के लिए शरिया अदालतों की तर्ज पर हिंदू अदालतों का गठन करने की भी बात कही है। इसके अलावा पूजा सकून पाण्डेय को इस कथित हिंदू कोर्ट का पहला जज बना दिया गया है।
याचिका में मांग की गयी है कि, इस प्रकार की अदालत के गठन को रोका जाए। कोर्ट ने कहा कि, याची ने इस मामले में किसी को पक्षकर नहीं बनाया है। कोर्ट ने डीएम मेरठ और डा.पूजा शकुन पांडे को पक्षकार बनाते हुए नोटिस जारी किया है। साथ ही राज्य सरकार से इस मामले में जानकारी देने का निर्देश दिया है।