इलाहाबाद, यूपी
शाहगंज कोतवाल के खिलाफ दर्ज मामला अब ज़िले के एसपी के लिए गले की फांस बन गया है। इस मामले में वादी की तरफ से दायर याचिका पर हाईकोर्ट ने एक बार फिर जौनपुर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाया है। शाहगंज कोतवाल के खिलाफ दर्ज मामले में जौनपुर पुलिस लगातार अपने कोतवाल को बचाने की कोशिश कर रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट ने अब जांच सीबीसीआईडी को सौंप दी है।
हाईकोर्ट ने क्या कहा
ज़िले के सबरहद गांव के रहने वाले ज़मीरुद्दीन की दो ट्रक कोतवाली शाहगंज इलाके में मौजूद एक पेट्रोल पम्प पर कई हफ्ते से खड़ी थी। इन दो ट्रकों को गोवध में चालान करके और एक लाख रूपये की मांग शाहगंज कोतवाल प्रशांत कुमार श्रीवास्तव द्वारा वादी से करने का मामला सामने आया था। वादी ने इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसी याचिका पर हाईकोर्ट ने मुकदमे की तीन माह में विवेचना कर रिपोर्ट लोअर कोर्ट में सौंपने का आदेश सीबीसीआईडी को दिया। साथ ही पुलिस अधीक्षक को आदेश के त्वरित अनुपालन का निर्देश भी दिया।
वादी ने दायर किया मुकदमा
इस मामले में वादी ज़मीरुद्दीन ने पहले धारा 156(3) की दरख्वास्त सीजेएम की कोर्ट में दी थी। इसी आदेश पर कोतवाल शाहगंज समेत छ: आरोपियों के खिलाफ चोरी, एक्सटार्सन, मिथ्या साक्ष्य गढ़ने व अन्य धाराओं में प्राथमिकी दर्ज हुई। इस मामले की विवेचना सीओ ने शहर कोतवाल को सौंपी। इसके खिलाफ वादी ने शाहगंज कोतवाल के मुलज़िम होने का हवाला देते हुए डीजीपी व अन्य उच्चाधिकारियों को दरख्वास्त दी कि कोतवाल प्रशांत कुमार श्रीवास्तव मुलज़िम है, इसलिए विवेचना में हस्तक्षेप कर सकते हैं। इसलिए विवेचना के दौरान उनको निलंबित कर विवेचना किसी अन्य जांच एजेंसी को सौंपी जाए। इस मामले की सुनवाई न होने पर वादी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
वादी ने याचिका में क्या आरोप लगाया
जमीरुद्दीन ने सीजेएम कोर्ट में याचिका दायर करके बताया कि उसके पास दो ट्रक है। ट्रक के व्यापार में घाटा होने के कारण व ट्रकों को बेचने के उद्देश्य से एक पेट्रोल पंप पर दो फरवरी 2018 को ट्रक बेचने के लिए खड़ा कर दिया। 25 फरवरी 2018 को 2:00 बजे दिन कोतवाल शाहगंज प्रशांत कुमार श्रीवास्तव अपने सिपाहियों के साथ पेट्रोल पम्प पर पहुंचे और जबरन खाली खड़े दोनों ट्रक को थाने उठा ले आए। बाद में ट्रकों को छोड़ने के लिए एक लाख रुपये की मांग की। पैसा ना देने पर शाम को 5 की घटना दिखाते हुए गोवध व पशु क्रूरता अधिनियम में चालान कर दिया।
कैसे फंसे कोतवाल
दरअसल जब कोतवाल शाहगंज और उनके साथ आए सिपाही खाली ट्रक को ले जा रहे थे तो पेट्रोल पम्प पर काम कर रहे कर्मचारियों ने उन्हें देखा। इसके साथ ही पेट्रोल पम्प पर लगे सीसीटीवी फुटेज में ये सब रिकॉर्ड हो गया है। साथ ही की लोग जो पेट्रेल भरवा रहे थे न्होंने अपने मौबाइल पर बी इसकी रिक़र्डिंग कर ली। वादी ने ये सारी फुटेज कोर्ड में दाखिल की। कोर्ट ने सीओ शाहगंज को जांच का आदेश दिया पर सीओ ने अपने माहतहतों को क्लीन चिट दे दिया।