Breaking
10 Jan 2025, Fri

ब्रिटेन में मुसलमानों के खिलाफ नफरत बढ़ी

लंदन

फ्रांस की राजधानी पेरिस पिछले दिनों हुए आतंकवादी हमले के बाद पूरी दुनिया में स्थितियां बदल गई हैं। ब्रिटेन जैसे आधुनिक सोच वाले मुल्क में मुसलमानों को 100 से ज्यादा नस्लीय हमलों का सामना करना पड़ा है। यह खुलासा यहां मंत्रियों के लिए बनी एक रिपोर्ट में हुआ है। सरकार को सौंपी गई ‘मुस्लिम विरोधी’ रिपोर्ट में कहा गया है कि इस्लामोफोबिया या मुसलमानों को लेकर मुल्क में 300 फीसदी तक नफरत में इज़ाफा हुआ है।

ब्रिटेन के प्रमुख अखबार द इंडिपेंडेंट की एक रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटेन में नस्लीय हमलों का सबसे ज़्यादा शिकार वे मुस्लिम महिलाएं और युवतियां बनीं जो पारंपरिक इस्लामिक कपड़ों में थीं। इनमें से ज़्यादातर की उम्र 14 से 45 वर्ष के बीच थी। इन्हें निशाना बनाने वाले ब्रिटेन के के गोरे लोग थे जिनकी उम्र 15 से 35 के बीच थी। इन आंकड़ों को ‘टेल मामा’ नामक हेल्पलाइन एजेंसी ने जुटाए थे जो ब्रिटेन में मुसलमानों और मस्जिदों पर हुए हमलों पर नज़र रखती है। ये आंकड़ें और भी ज्यादा हो सकते हैं क्योंकि कई लोगों ने डर की वजह से शिकायत दर्ज नहीं कराई।

प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे हमले बस और ट्रेनों सहित आम जगहों पर किए गए हैं। इनमें से 34 महिलाएं ऐसी थीं जिन्होंने हिजाब पहन रखा, जबकि आठ छोटी बच्चियों को भी निशाना बनाया गया। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि नस्लीय हमलों की सबसे ज़्यादा शिकार महिलाएं बनीं हैं क्योंकि उनके पारंपरिक लिबास के जरिए आसानी से पहचान लिया जाता है। इनकी उम्र 14 से 45 के बीच थी।

ज़्यादातर पीड़ित महिलाओं ने कहा कि नस्लीय हमलों के दौरान कोई उनकी मदद के लिए आगे नहीं आया और न ही किसी ने कोई सांत्वना दी। ये महिलाएं इस बात से भी नाराज़ हैं कि बिना किसी वजह उन्हें लोगों के सामने निशाना बनाया गया। इनमें से 16 ने बताया कि हमलों के डर से भविष्य में उन्हें बाहर जाने में डर लगने लगा है। इन हमलों से उनके आत्मविश्वास पर असर पड़ा है।

इन हमलों में आठ मामले ऐसे थे जिनमें बच्चियों के सामने उनकी मां पर नस्लीय हमले किए गए। यही नहीं, राजधानी लंदन में एक शर्मनाक घटना सामने आई जब ट्रेन में हिज़ाब पहने एक युवती के साथ बदसलूकी की गई।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि एडिनबर्ग में रहनी वाली एक महिला ने अपनी आठ साल की बेटी को स्कूल से इसलिए निकलवा लिया क्योंकि उसके खिलाफ नस्लीय हमले बढ़ गए थे।

महिला ने कहा कि स्कूल में उसकी बेटी को अपशब्द कहे गए और साथ ही मुस्लिम होने की वजह से उसकी बेइज़्ज़ती की गई। महिला ने आगे कहा कि पेरिस हमलों के बाद मुसलमानों के खिलाफ नस्लीय हमले बढ़ गए हैं। किसी और की गलती की सजा हम क्यों भुगतें।