अज़ीम सिद्दीक़ी
जौनपुर, यूपी
भारत सरकार द्वारा समाज के मुख्य धारा से बिछड़े गरीबों, निर्धन व वंचित लोगों के हितों को ध्यान में रखकर और समाज के मुख्य धारा में जोड़ने के लिए तमाम योजनाएं चलाई गई है। जिसमें से एक योजना ज्यादा प्रमुख है वह है प्रधानमंत्री आवास योजना। जो नगरों व ग्रामीण क्षेत्रों के झुग्गी व झोपड़ी में रहने वालो को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास देकर रहने का बंदोबस्त कर रही है। जिसको स्वच्छ भारत से भी जोड़ कर देखा जा रहा है। लेकिन अधिकारियों व ग्राम प्रधान के कुकर्मों से पात्रों को अपात्र बना दिया जा रहा है।
यह खेल मात्र इसलिए किया और कराया जा रहा है कि चुनाव में उनके साथ नहीं थे या उनका प्रचार नहीं किये इस तरह से तमाम गम्भीर आरोप ग्राम प्रधान के ऊपर पीड़ित पात्र द्वारा लगाया जा रहा है। पात्र आवास का लाभ पाने लिए तथा हक के लिए विकलांग भी दर-बदर भटकने को मजबूर है। जिसकी कही को सहायता करने को तैयार नहीं हो रहा है, इसका वजह वह प्रधान का चहेता सहित विकलांग है। जिससे ब्लॉक का चक्कर काटने को मजबूर है।
विकास खण्ड खुटहन में इन दिनों अधिकारी व ग्राम प्रधान अपनी जेब भरने के चक्कर में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे है तथा उसे आसमान पर ले जाने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहे है इतना ही नहीं बल्कि भ्रष्टाचार में शीतल जल देकर उसे सिंचित भी कर रहे है। चाहे भले ही उनके जिम्मेदारी में कराएं गए पौधरोपण के पौधे सुख रहे हो उसकी चिंता नहीं है। यह सब बात उक्त विकास खण्ड खुटहन के कुछ चुनिंदा अधिकारियों व ग्राम प्रधान के ऊपर फिट बैठ रही है।
इसी ब्लॉक के अंतर्गत एक गांव नौली है जो ब्लॉक से लगभग 6 से 7 किलोमीटर दूर पर खेतासराय की तरफ़ है। उक्त गांव निवासी दयाराम राजभर पुत्र झपसी राम के नाम प्रधानमंत्री योजना आवास के तहत आवास आया था। जिनका न0 UP580404354 है। आवास निर्माण के लिए एक लाख बीस हज़ार (1,20,000) 29 मार्च 2019 को ट्रांसफर दिखा रहा है। लेकिन प्रार्थी को अभी तक पैसा नहीं मिला।
प्रार्थी जानकारी के लिए प्रधान से मिला तो आरोप है कि प्रधान से पूछने पर बताया तुम मेरे पार्टी के खिलाफ हो इसलिए आवास नही मिला। अपने किसी चहेते को दिया और फ़र्ज़ी तरीके से इसका लाभ दूसरे को दिला दिया। जिससे पीड़ित पात्र हाथ मलकर रह गया। इसके चक्कर में पात्र का विकलांग पुत्र सन्दीप कुमार आवास के लिए विकास खण्ड का चक्कर काट रहा है। जिसकी कही कुछ सुनने को तैयार नहीं हो रहा है।
सन्दीप का कहना है कि गांव का प्रधान भेदभाव कर रहा है पार्टी और चहेते ना होने से पात्र होते हुए भी अपात्र कर दिया जा रहा है। महीनों से ब्लॉक का चक्कर काट रहा हूँ कोई सुनने को तैयार नहीं है बल्कि इधर – उधर दौड़ा रहे है। विकलांग होकर इधर – इधर भटकने को मजबूर हूँ। ऐसे में उक्त विकास खण्ड के अधिकारी प्रधानों के मिली भगत चन्द पैसे की लालच में सही को गलत और गलत को सही करते चले जा रहे है।
पात्र को अपात्र बन देने से बुजुर्ग पात्र होने के कारण विकलांग पुत्र सन्दीप विकास खण्ड का चक्कर काटने को विवश है। अधिकारी भी खूब विकास खण्ड का गणेश परिक्रमा कर रहे है। अपनी हक के लिए ब्लॉक का चक्कर काट रहा है। ज्ञात हो कि उसके घर से विकास खण्ड लगभग 6 या 7 किलोमीटर दूर स्थित है। फिर भी हवादार रूम बैठे अधिकारियों का दिल नहीं पसीज रहा है कि विकलांग की समस्या सुनकर कर उसका स्थायी निवारण कर दे।
अधिकारी समस्या का निदान क्यों नहीं कर पा रहे है इसकी क्या वजह है यह तो आसानी से अंदाज़ लगा सकते है पैसा अधिकारी के हाथ बाध दिए है माइंड बदल दिया है। इससे तरह – तरह की बातें कहकर टरका दिया जा रहा है। बेबश, लाचार विकलांग बेचार विकास खण्ड की परिक्रमा करने को विवश है चक्कर काट रहा है कोई तो सुने उसकी बात, कोई तो सच को सुनने को तैयार हो, क्या सच बोलना गुनाह है, सच है तो योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
भारत सरकार ने ठाना है कि 2022 तक हर गरीब निर्धन छत के नीचे होगा। इसके लिए समय -समय पर अधिकारियों से चेताया जा रहा है। सचाई व ईमानदारी से काम करें कोई भी पात्र इससे वंचित न रह जाये तोते की तरह रटाया जा रहा है लेकिन यह सब बाटें सिमट कर रह जा रहा है।यही ऐसा नहीं है तो यह कहना भी अतिशयोक्ति भी नहीं होगा को पात्र को अपात्र बना देने का खेल नहीं चल रहा है खूब जमकर। पीड़ित ब्लॉक का चक्कर लगा रहे है। प्रधानमंत्री आवास योजना को तीन चरणों मे पूरा करने का समय निर्धारित किया गया है। जिसमें से दो चरण बीत चुका है। तीसरा चरण अप्रैल 2019 से शुरू है जो सम्भवतः 2022 तक चलेगा।
इस दौरान हर गरीबो के पास पक्का मकान होगा। उनके रहने के लिए एक छत होगी। लेकिन अधिकारियों व प्रधानों की लापरवाही से लाभ मिलना मुश्किल हो जा रहा है ऐसे में पात्र बेचारे भटक रहे है अधिकारी भी सुनने को तैयार नहीं है। तो ऐसे में प्रधानमंत्री का योजना कैसे पूर्ण रूप से साकार हो पायेगा। कैसे गरीबो को छत मिल पायेगा। जब सच को झूठ और झूठ को सच में बदलने का खेल चल रहा है।