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17 Oct 2024, Thu

गल्फ टकराव: कतर में काम कर रहे 6 लाख भारतीयों पर संकट!

दोहा, कतर

गल्फ देशों के कतर के साथ रिश्ते बिगड़ने के बाद वहां रह रहे भारतीयों को भविष्य की चिंता सताने लगी है। कतर में रह रहे छह लाख से अधिक भारतीय घटनाक्रम पर नज़र रखे हुए हैं। संकट को देखते हुए लोगों ने घरों में ज़रूरी सामान इकट्ठा करना शुरू कर दिया है। दूसरी तरफ भारत में उनके घर वाले परेशान हैं। दरअस 1991 का युद्ध झेल चुके लोगों को उस दौर की याद ताज़ा हो गई है।

कतर के हालात
कतर में मौजूद बाराबंकी के रहने वाले एक शख्स ने पहचान गुप्त रखने पर पीएनएस को बताया कि कतर में हालात तो ठीक हैं लेकिन परेशानी ज़रूर है। ज़रूरत के सामान के दाम तो अभी नहीं बढ़े हैं लेकिन खरीददारी ज़्यादा की जा रही है। उन्होंने पीएनएस से कहा कि घर वालों का कहना है कि वापस आ जाओं लेकिन अभी किसी फ्लाइट का टिकट मिलना बहुत मुश्किल है। जो टिकट मिल रहे हैं वो काफी महंगे हैं।

क्या कहते हैं जानकार
गल्फ मालों के जानकार बताते हैं कि कतर की एकमात्र जमीनी सीमा सऊदी अरब ने बंद कर दी है। हालांकि उसके पास समुद्री रास्ते का विकल्प है। लेकिन घेराबंदी से लोगों में घबराहट है। फिलहाल जरूरी चीजों का संकट नहीं है। कतर में भारतीयों की संख्या मूल निवासियों से दोगुनी है। उनके लिए एक झटके में कतर छोड़ना आसान नहीं है।

पूर्वांचल में परेशानी बढ़ी
कतर के हालात को लेकर उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल के कई जिलों में भी भविष्य को लेकर चिंता बढ़ गई है। पूर्वांचल के आज़मगढ़, जौनपुर, वाराणसी, गाजीपुर, मऊ, भदोही, गोरखपुर, बस्ती समेत कई ज़िलों से बड़ी संख्या में लोग क़तर में मेहनत-मज़दूरी करके अपने परिवार का पेट पालते हैं। क़तर पर प्रतिबंध के बाद न सिर्फ़ वहां काम करने वाले भारतीयों में चिंता बढ़ गई है। पिछले कुछ महीनों में कतर जाने वालों की संख्या में इज़ाफा हुआ है। ऐसे में लोगों में परेशानी देखी जा सकती है।