लखनऊ, यूपी
समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आज़म खान की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही है। एक तरफ उनके खिलाफ कई लोगों ने वक्फ संपत्तियों को लेकर शिकायत की है तो दूसरी तरफ ज़िले की एक अदालत ने उनके खिलाफ ज़मानती वारंट जारी कर दिया है। लखनऊ की सीजेएम संध्या श्रीवास्तव ने मानहानि के एक आपराधिक मामले में सूबे के पूर्व काबीना मंत्री आज़म खान के खिलाफ 10 हज़ार का ज़मानती वारंट जारी करने का आदेश दिया है।
सीजेएम ने सोमवार को ये आदेश जारी किया। उन्होंने यह आदेश आज़म खान के हाज़िर नहीं होने पर दिया है। 20 दिसंबर, 2016 को मानहानि के मामले में अदालत ने आज़म खान को बतौर मुल्जिम ज़रिए समन मुकदमे के विचारण के लिए तलब किया था। अदालत ने यह आदेश वरिष्ठ आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर की ओर से दाखिल एक परिवाद पर दिया था। लेकिन समन का तामील होने के बावजूद मुल्जिम आज़म खान अदालत में हाजिर नहीं हुए।
याची अमिताभ ठाकुर ने परिवाद में आज़म खान पर अमर्यादित और अनुचित शब्दों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। जिसके मुताबिक 30 नवंबर, 2015 को रामपुर में एक पत्रकार वार्ता के दौरान आज़म खान ने अमिताभ ठाकुर को प्रशासनिक अधिकारी के नाम पर कलंक बताया था। साथ ही आरएसएस के लिए भी बेहद अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल किया था। अमिताभ ठाकुर की मांग थी कि आज़म खान के खिलाफ इस मामले में मानहानि और समाज में विद्वेष पैदा करने के आरोप में कार्रवाई की जाए। कोर्ट ने बतौर मुल्जिम आज़म खान को उपस्थित होने का आदेश दिया था।