लखनऊ, यूपी
राजधानी लखनऊ में में मौजूद सरकारी कंपनी स्कूटर इंडिया में केंद्र सरकार 100 फीसदी विनिनेश करना चाह रही है। इसके लिए केंद्र सरकार ने कंपनी के घाटा का हवाला दिया है जबकि साल 2013 से कंपनी लगातार लाभ में रही है। वर्तमान प्रबंधन की अनुभवहीनता व दूरदर्शिता की कमी के कारण पिछले एक साल से कंपनी नुकसान में हो गई जबकि कंपनी की गाड़ियों की बाज़ार में भारी मांग है। दरअसल वर्तमान प्रबंधन की दिलचस्पी कंपनी को चलाने से ज्यादा बिकवाने में है। ये आरोप स्कूटर्स इंडिया लिमिटेड आफीसर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने लगाया है।
मालूम हो कि स्कूटर्स इंडिया लिमिटेड आफीसर्स वेलफेयर एसोसिएशन के एक प्रतिनिधिमंडल समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिला। प्रतिनिधिमण्डल ने अपने ज्ञापन के माध्यम से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को बताया कि पिछले कई वर्षो से लाभ अर्जित करती आ रही इस कंपनी को केन्द्रीय सरकार ने बंद दिखाकर इसका 100 फीसदी विनिवेश का फैसला किया है। प्रतिनिधिमंडल ने अखिलेश यादव से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है।
आफीसर्स वेलफेयर एसोशिएसन के सचिव के कुमारवेल ने बताया कि 150 एकड़ में फैला स्कूटर्स इण्डिया लिमिटेड, लखनऊ में भारत सरकार का एक उपक्रम है। इसकी स्थापना 1972 में हुई थी। अपनी स्थापना के बाद के दशकों में स्कूटर्स इण्डिया की पहचान उसकी गुणवत्ता और क्षमता के कारण मजबूत बनी रही। बाज़ार में अपनी गाडियों की भारी मांग बनाये रखने में सफल भी रही। वर्तमान में 600 कर्मचारी इसके अंतर्गत कार्यरत हैं। इस यूनिट की क्षमता 24,000 वाहन प्रति वर्ष बनाने की है।
कर्मचारियों की मुलाकात के समय राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रो रमेश दीक्षित, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी, पूर्व मंत्री अभिषेक मिश्रा, सदस्य विधान परिषद एसआरएस यादव मौजूद रहे। वहीं स मुलाकात में अहम रोल निभाने वाले CORD चेयरमैन अतहर हुसैन और एडवोकेट इमरान अहमद खासतौर पर मौजूद रहे।