लखनऊ, यूपी
यूपी की अखिलेश सरकार ने आयुर्वेदिक और यूनानी डॉक्टरों को बड़ा तोहफा दिया है। प्रदेश सरकार ने इन डॉक्टरों को अब अंग्रेजी दवाई लिखने का अधिकार दे दिया है। प्रदेश के आयूष डॉक्टर कई सालों से ये मांग कर रहे थे। इसके लिए लगातार धरना प्रदर्शन भी किया जा रहा था। अखिलेश सरकार के इस फैसले पर प्रदेश भर के आयूष डॉक्टरों ने खुशी जताई है। इन डॉक्टरों ने प्रदेश सीएम अखिलेश यादव का आभार जताया है।
यूपी के सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि मंत्रिमंडल ने उप्र भारतीय चिकित्सा अधिनियम 1939 के तहत आयुर्वेदिक और यूनानी के पंजीकृत चिकित्सकों को जनहित में सीमित आधुनिक औषधियां (एलोपैथिक ड्रग्स) लिखने का अधिकार देने का निर्णय लिया है। इसके लिए अधिनियम 1939 की धारा 39 में संशोधन किया जाएगा। मंत्रिपरिषद ने यह निर्णय भी लिया है कि ड्रग्स एवं कॉस्मेटिक अधिनियम 1940 और नियमावली 1945 के तहत इस सम्बन्ध में एक अधिसूचना भी जारी की जाए।
प्रदेश की अखिलेश सरकार की यह मंशा रही है कि प्रदेश के समस्त जनपदों में, विशेष रूप से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में सस्ती और गुणवत्तापरक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो। सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में जहां एक तरफ आधुनिक चिकित्सा विधा के चिकित्सकों (एम.बी.बी.एस. डिग्री धारक) की कमी है, वहीं काफी संख्या में भारतीय चिकित्सा पद्धति के चिकित्सक (आयुर्वेद और यूनानी डिग्री धारक) उपलब्ध रहते हैं। आयुर्वेद/यूनानी चिकित्सकों द्वारा आधुनिक औषधियों के प्रयोग पर प्रतिबंध होने के कारण रोगियों को समुचित उपचार उपलब्ध नहीं हो पाता है।
पिछले कुछ सालों से चिकित्सकों की अत्यधिक कमी एवं आयुर्वेद/यूनानी चिकित्सकों की उपलब्धता एवं क्षमता को देखते हुए महाराष्ट्र, हरियाणा समेत कई प्रदेश सरकारों ने अपने यहां इस तरह का आवश्यक विधायी संशोधन के माध्यम से किया है और अपने-अपने प्रदेशों में इन चिकित्सकों को आधुनिक औषधियों के प्रयोग का अधिकार दिया गया है। इस परिप्रेक्ष्य में ग्रामीण क्षेत्रों में विषम/प्राथमिक/आपातकालीन परिस्थितियों में रोगियों को त्वरित एवं समुचित उपचार मुहैया कराने के लिए मंत्रिपरिषद ने आयुर्वेद/यूनानी चिकित्सकों को कतिपय विधिक संरक्षणात्मक प्रतिबंधों के साथ आधुनिक औषधियों के प्रयोग का अधिकार प्रदान किया है।
मालूम हो कि प्रदेश में इस समय करीब 70 हज़ार आयुर्वेदिक और 25 हज़ार युनानी डॉक्टर रजिस्टर्ड हैं। ये डॉक्टर पूरे प्रदेश में खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहें हैं। अखिलेश सरकार के फैसले से आयूष डॉक्टरों ने खुशी ज़ाहिर की है। इनमें डॉ मुईद अहमद, डॉ मोहम्मद आसिफ, डॉ जावेद हसन बेग, डॉ आमिर जमाल, डॉ अलाउद्दीन, डॉ नियाज़ अहमद, नीमा समेत कई संगठनों ने प्रदेश सरकार के फैसले पर खुशी का इज़हार किया है।