प्रतापगढ़, यूपी
प्रतापगढ़ में वहशियाना तरीके से कत्ल की गई टीचर राबिया को इंसाफ दिलाने की मुहिम तेड़ पकड़ती जा रही है। इस मामले में कई सामाजिक संगठन सड़क पर उतर कर राबिया के लिए इंसाफ मांग रहे हैं। इसी सिलसिले में कई संगठनों की तरफ से एक धरने का आयोजन किया गया।
धरने को संबोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता एडवोकेट असद हयात ने कहा कि राबिया की वहशियान हत्या हुए करीब एक हफ्ते से ज़्यादा का वक्त गुज़र गया है। पर मरहूमा राबिया के परिवार को अभी तक सरकार की तरफ से न तो कोई मदद मिली है और न ही सुरक्षा। इस वहशियाना कत्ल में शामिल आरोपियों में कई अभी फरार हैं।
असद हयात ने कहा कि दिल्ली में शायर इमरान प्रतापगढ़ी से मशविरे के बाद जब प्रतापगढ़ आया तो मुझे जून 2012 के ग्राम अस्थान (कुंडा के समीप ) केस की याद आ गयी। उस मामले में 4 मुस्लिम लड़कों पर एक नाबालिग दलित लड़की से बलात्कार और हत्या का आरोप लगा था। इस मामले में 50 मुस्लिम घरों की बस्ती को लूटा गया और उनके जलाया गया था। यहीं नहीं उसी बस्ती को दूसरी बार एक महीने बाद फिर लूटा और जलाया गया था। इमरान फ्रतापगढ़ी ने उस केस में भी पीड़ितों को इन्साफ दिलाने के लिए संघर्ष किया।
असद हयात ने बताया कि उस केस के सिलसिले में मेरा प्रतापगढ़ आना लगातार बना रहा। उस मामले में 3 लड़कों को आजीवन कारावास की सज़ा हुई जिस के विरुद्ध लखनऊ हाईकोर्ट में अपील चल रही है। इस केस के वकील कॉमरेड लाल बहादुर तिवारी धरने पर हम सब के साथ हैं।
आज़ के धरने में सामाजिक संगठन रिहाई मंच, अल्पसंख्यक अधिवक्ता संघ, किसान यूनियन, एमआईएम और दूसरे सियासी दलों की तरफ से संयुक्त धरना आयोजित था। ये धरना कल भी जारी रहेगा। धरने में मरहूमा राबिया के भाई हफ़ीज़ भाई ने भी शिरकत की। इसके साथ ही धरने पर अधिवक्ता गुलहसन, एमआईएम के ज़िलाध्यक्ष इसरार अहमद, एड्वोकेट शुजात, शम्स तबरेज, अधिवक्ता ज़फरुल साहब ने भी शिरकत की।