केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। गुरुवार को पूर्णिया में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि 1947 में ही सभी मुस्लिम को पाकिस्तान भेज देना चाहिए था। गिरिराज सिंह आजकल उन ज़िलों में सभाएं कर रहे हैं जहां जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार अपनी जन गण मन यात्रा में जनसभा को संबोधित कर रहे हैं।
गिरिराज सिंह ने पूर्णिया में कहा, “नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के नाम पर भारत विरोधी एजेंडा चल रहा है। CAA पर जो ज़ुबान पाकिस्तान बोलता है वही कांग्रेस, जेडीयू और कम्यूनिस्ट सभी लोग बोल रहे हैं। इसलिए मैं कह रहा हूं कि जब दिल्ली के शाहीन बाग़ में शरजील इमाम कहता है कि इस्लामिक स्टेट बनाएंगे और भारत के चिकन नेक को काट देंगे, तब यह लोकतांत्रिक नहीं बल्कि ख़िलाफ़त आंदोलन हो जाता है।”
अपने मुस्लिम विरोधी बयानों के लिए चर्चा में रहने वाले गिरिराज सिंह ने कहा, “अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का एक छात्र कहता है कि जो हमारी कौम से टकराया है वह बर्बाद हुआ है। यहां भी जो हमसे टकराएगा, बर्बाद हो जाएगा। हद तो तब हो जाती है जब हैदराबाद में कहा जाता है कि अगर CAA वापस नहीं लिया गया तो हम ईंट से ईंट बजा देंगे। हैदराबाद में ही कहा जाता है कि अगर 15 मिनट छूट दे दी जाए तो यहां के हिंदुओं को दिखा दूंगा।”
गिरिराज सिंह ने आजादी और विभाजन पर बात करते हुए कहा, “1947 के पहले हमारे पूर्वज आज़ादी की लड़ाई लड़ रहे थे और जिन्ना देश को इस्लामिक स्टेट बनाने की योजना बना रहा था।” उन्होंने आगे कहा, “उस समय हमारे पूर्वजों से बहुत बड़ी भूल हुई। अगर तभी मुसलमान भाइयों को वहां (पाकिस्तान) भेज दिया जाता और हिंदुओं को यहां बुला लिया जाता तो आज यह नौबत ही नहीं आती। अगर भारत में ही भारतवंशियों को जगह नहीं मिलेगी तो दुनिया में ऐसा कौन सा देश है जो उन्हें शरण देगा।”
एनपीआर पर बात करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा, “जितनी चीजें एनपीआर में मांगी गई हैं वे सब आधार कार्ड में हैं। फिर एनपीआर का विरोध क्यों? यह भारत के अंदर सोची-समझी रणनीति के तहत विरोध हो रहा है।”