अब्दुल कय्यूम
लखनऊ, यूपी
यूपी में राज भवन द्वारा गऊ माता की नीलामी करने की निविदा आमंत्रित करने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इस संबंध में कई संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस पर गहरी नाराज़गी जताई है। इन संगठनों का कहना है कि एक तरफ बीजेपी, सीएम योगी आदित्यनाथ और आम लोग गाय को माता का दर्जा देते हैं। दूसरी तरफ उन्ही की सरकार में राज भवन की तरफ से गाय की नीलामी की निविदा आमंत्रित की जा रही है। लोगों का कहना है कि ये बेहद शर्मनाक हैं। वही दूसरी तरफ सामाजिक संगठन खुद्दाम-ए-वतन फाउंडेशन ने इस मामले में बाकायदा महामहिम राज्यपाल से हस्तक्षेप करने की मांग की है। संगठन के अध्यक्ष सैयद रफत रिज़वी ने कहा कि गऊ माता की नीलामी को तुरंत रोका जाए।
गऊ माता की नीलामी की निविदा आने के बाद खुद्दाम-ए-वतन फाउंडेशन की एक आपात बैठक संगठन के कार्यालय लखनऊ के कैसरबाग में हुई। बैठक में अध्यक्ष सैयद रफत ने कहा कि 10 दिसंबर को एक अंग्रेजी दैनिक द टाइंम्स ऑफ इंडिया के पेज नंबर 9 पर राज्य भवन उद्यान अधिकारी की तरफ से एक गाय और 9 बछड़ों की नीलामी का विज्ञापन प्रकाशित किया गया है। सैयद रफत ने कहा कि ये बेहद शर्मनाक है। चूंकि ये राज्य भवन द्वारा जारी किया गया है इसलिए ये गंभीर विषय है।
संगठन ने सभी सदस्यों ने एक मत से उक्त नीलामी की निंदा की। इस बैठक में एक प्रस्ताव पारित करके कहा गया है कि उक्त प्रकरण से महामहिम राज्यपाल को अवगत कराया जाएगा और नीलामी रोकने की मांग की जाएगी। बैठक में ये भी फैसला लिया गया कि अगर नीलामी न रुकी तो संगठन खुद इन गाय और बछड़ों को खरीद कर किसी गोशाला को दान करेगा। संगठन के महासचिव अलीम खान ने कहा कि एक तरफ गाय के नाम लगातार हत्याएं की जा रही है तो दूसरी तरफ राज्य भवन की तरफ से गाय की नीलामी आश्चर्यचकित करती है। बैठक में एडवोकेट अशुतोष मिश्रा, अजमत अली, मौ साजिद, जाने आलम समेत कई लोग मौजूद थे।