रिज़वान हबीब
लखनऊ, यूपी
प्रदेश के आयुष विभाग के डिप्टी सचिव लक्ष्मण सिंह ने यूनानी जगत को भरोसा दिलाया है कि प्रदेश में यूनानी पद्धति के विकास में धन की कमी आड़े नहीं आयेगी। उन्होंने कहा कि शासन जहां भी ज़रूरत होगा और निदेशालय जो भी बजट बनाकर देगा उसे प्रदेश सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता आयुष है और वह इस पर पूरी तन्मयता से काम कर रही है। लक्षण सिंह राजधानी लखनऊ के आशियाना में स्थित राजकीय तकमिल उत्तिब कालेज एवं हास्पिटल में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
वैसे तो ये कार्यक्रम 2017 बैच के छात्रों द्वारा आयोजित किया गया था। इनमें 2018 बैच के छात्रों की फ्रेशर पार्टी के तौर पर आयोजित था लेकिन छात्रों ने इसे बड़ा रूप देते हुए कई मेहमानों को बुलाया था। इनमें यूनानी जगत के कुछ मशहूर चिकित्सक, यूनानी से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता, एसोसिएशन से जुड़े लोग एवं कालेज के कई पूर्व छात्र शामिल हुए।
यूनानी निदेशालय में निदेशक डॉ सिकंदर हयात सिद्दीकी ने इस मौके पर सभी का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि आज प्रदेश में यूनानी को लेकर काफी काम हो रहा है। निदेशालय अपने स्तर से काफी काम कर रहे है। उन्होंने कहा कि एमडी की प्रदेश में आठ सीटें मज़ूर हो चुकी है। आगे और सीटों के लिए ज़रूरी कार्रवाई की जा रही है। डॉ सिकंदर ने बताया कि हमें निगेटिविटी से बाहर निकल कुछ बड़ा सोचना और करना होगा। इसके लिए सभी का साथ ज़रूरी है।
डॉ एए हाशमी ने कहा कि यूनानी कालेज के लिए और ज़मीन की ज़रूरत है, जहां गार्डेन और खेल का मैदान बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि यूनानी में सभी लोगों को मिलकर काम करना है तभी ये आम लोगों की ज़रूरत बन पाएगी। उन्होंने कहा कि ये बेहतर मौका है कि यूनानी की बात की जाए क्योंकि इस समय यूनानी कालेजों में ज़रूरत की हर चीज मुहैया है।
ईशू के सेक्रेटरी मोहम्मद खालिद ने कहा कि कालेज में कई कार्यक्रम में चल रहे हैं। सीएमई लगातार हो रही है और इसमें बाहर से विशेषज्ञ बुलाए जा रहे हैं। जिनका फायदा यहां के छात्रों को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि जब से आयुष विभाग बना है तब से इसमें काफी काम हो रहा है।
सीसीआईएम के नवनियुक्त सदस्य डॉ आई एम तव्वाब ने कहा कि यूनानी में ज़्यादा रिसर्च की ज़रूरत है। इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर लाना होगा। उन्होंने कहा कि पहले कुछ लोग मेहनत करते थे लेकिन वे मेहनत सामने नहीं आ पाती थी लेकिन अब कई इसकी ज़रूरत है कि उसे आम पर लाया जाए। उन्होंने कहा कि वो खुध कई बीमारियों पर काम कर रहे हैं। अलबत्ता उन्हें अभी सपोर्ट नहीं मिल रहा है।
सीसीआईएम के दूसरे सदस्य डॉ अलाउद्दीन ने कहा कि यूनानी के विकास में संघर्ष करना ज़रूरी है। वो छात्र जीवन से ही संघर्ष कर रहे हैं। छात्रों को जहां भी ज़रूरत होगी वो उनके लिए संघर्ष करेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि सीसीआईएम के ज़रिए जो भी कालेज का काम होगा वो उसमें मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि कालेज के विस्तार के लिए वो लगातार मेहनत कर रहे हैं। वो और उनका संगठन इसमें मदद करेगा।
इसी कालेज से पढ़े और पत्रकारिता कर रहे डॉ अशफाक अहमद ने बताया कि निदेशक डॉ सिकंदर हयात यूनानी के विकास में लगातार काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 1999 से हड़ताल के बाद अब कालेज और पैथी का काफी विकास हुआ है। कभी बैठने के लिए क्लास रूम तक नहीं थे, अब दर्जनों क्लास है। उन्होंने छात्रों से कहा कि यूनानी पैथी से जब तक आम लोगों को फायदा नहीं होगा और सस्ता इलाज नहीं होगा तब तक इस पैथी का सही मायने में विकास नहीं माना जाएगा। डॉ अशफाक ने कहा कि आयुष के चिकित्सक के पास लोग इलाज कराने नहीं बल्कि एक उम्मीद लेकर आते हैं। क्योंकि वो हर जगह हार चुके होते हैं। ऐसे में ये हमारा फर्ज़ बनता है कि उनका बेहतर इलाज करें।
इस मौके पर डॉ नफासत अली विभागाध्यक्ष एनाटोमी विभाग ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन शानदार तरीके से डॉ खालिद ने किया। कार्यक्रम में यूनानी स्कालर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ आमिर जमाल, डॉ जमाल अहमद, डॉ मनिराम सिंह, डॉ किरन सिंह कालेज के टीचिंग स्टाफ और छात्र शामिल हुए। इसके बाद निदेशक डॉ सिकंदर हयात और प्रधानाचार्य डॉ जमाल अख्तर ने सभी मेहमानों को कॉलेज के अन्दर विभिन्न विभागों का भ्रमण कराया।