आजमगढ़, यूपी
प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष शाहिद बद्र को गुजरात ले जाने के प्रयासों में लगी पुलिस को कोर्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने शाहिद बद्र की ट्रांजिट रिमांड देने से इनकार कर दिया है। पुलिस ने शाहिद बद्र को आजमगढ़ सीजेएम कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने यह फैसला दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद दिया। SIMI के पूर्व अध्यक्ष पर कई राज्यों में राजद्रोह का मुकदमा चल रहा है। शाहिद, आजमगढ़ में एक यूनानी दवाखाना चलाता है। 2001 में दर्ज भड़काऊ भाषण के एक मामले में गुजरात पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है।
दिल्ली की एक अदालत से हुआ था बरी
शाहिद बद्र को साल 2015 में दिल्ली की एक अदालत ने बरी किया था। उस पर समुदायों के बीच नफरत फैलाने, राष्ट्रीय एकता के खिलाफ बयान देने और लोगों को गुमराह करने के आरोप थे। दिल्ली का ये मामला 2001 का ही था।
2001 में बैन हुआ था सिमी
स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया भारत में एक प्रतिबंधित संगठन है। इसकी स्थापना 1977 में अलीगढ़ में हुई थी। कट्टरपंथी गतिविधियों में शामिल होने के कारण सिमी पर साल 2001 में प्रतिबंध लगाया गया था। बाद में प्रतिबंध हटाया भी गया था, लेकिन फिर साल 2008 से संगठन पर लगातार बैन है।
शाहिद ने कहा था मैं आतंकी नहीं
2014 में एक न्यूज चैनल से हुई बातचीत में शाहिद ने कहा था कि मैं सिमी का अध्यक्ष रहा हूं, लेकिन मैं आतंकी नहीं हूं। यह मेरे ऊपर धब्बा है और मैं इस धब्बे को मिटाना चाहता हूं। सिमी पर प्रतिबंध लगाए जाने के खिलाफ शाहिद कोर्ट में केस भी लड़ रहा है।