बहराइच, यूपी
यूपी के बहराइच ज़िले में रविवार सुबह कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व विधायक वारिस अली का इंतकाल हो गया। वारिस अली का शव उनके घर के पीछे बने तालाब में मिला। इस खबर से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को तालाब से बाहर निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
पूर्व विधायक की मौत की सूचना मिलते ही आनन-फानन में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ कार्यकर्ता और ग्रामीणों का भारी जमावड़ा लग गया। पुलिस ने घटनास्थल पर छानबीन की और बताया कि घर के पीछे बने तालाब में डूबने से पूर्व विधायक वारिस अली की मौत हो गई। दरअसल वारिस अली रोज़ की तरह आज़ सुबह भी अपने घर से टहलने निकले थे। हालांकि अभी पोस्टमार्टन रिपोर्ट का इंतज़ार है, इसके बाद ही मौत के कारणों का पता चल पाएगा।
वारिस अली की इतिहास
पिछले दो दशकों से से राजनीति में सक्रिय 55 साल के पूर्व विधायक वारिस अली अल्पसंख्यक वर्ग के जुड़े हुए कद्दावर नेता थे। देवी पाटन मंडल में उन्हें सम्मान की दृष्टि से देखा जाता था। वारिस अली पिछले ही साल अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे। साल 2017 में यूपी के विधान सभा चुनाव में वारिस अली कांग्रेस के टिकट पर नानपारा विधान सभा सीट से चुनाव लड़े थे। इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। वारिस अली साल 2007 में बीएसपी के टिकट पर नानपारा से विधायक चुने गए थे।
नेताओं ने जताया शोक
कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक वारिस अली की अचानक हुई मौत से नेताओं, कार्यकर्ताओं में शौक की लहर दौड़ पड़ी है। कई राजनीतिक दलों के नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और धर्मगुरुओं ने उनकी मौत पर अफसोस का इज़हार किया।
कांग्रेस नेता डॉ इमरान ने जताया शोक
कांग्रेस के ज़िला महासचिव डॉ इमरान मेकरानी ने पूर्व विधायक वारिस अली की असमयिक मौत पर अफसौस का इंज़हार किया है। डॉ इमरान ने अपने एक बयान में कहा कि पूर्व विधायक वारिस अली कांग्रेस के कर्मठ और जुझारू नेता थे। वो आम लोगों की समस्याओं के लिए हमेशा संघर्ष करते रहते थे। पूर्व विधायक वारिस अली राजनीति से ऊपर उठकर सभी लोगों के मदद करते थे। पूरे देवीपाटन मंडल में अल्पसंख्यकों को वो आवाज़ थे। नके जाने से न सिर्फ कांग्रेस को बल्कि पूरे मंडल के गरीबों, मज़लूमों को भारी नुकसान हुआ है।