बरेली, यूपी
दारुल उलूम देवबंद जाने की मुखालफत करने वालों पर मौलाना तौकीर रज़ा ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि इत्तेहाद के लिए अगर ज़रूरत पड़ी तो एक बार नहीं बार-बार देवबंद जाऊंगा। मौलाना तौकीर रज़ा देवबंद से लौटने के बाद बरेली में मीडिया से मुखातिब थे। दरअसल मौलाना तौकीर रज़ा इत्तेहाद की बात करते हुए दारुल उलूम देवबंद गए थे। इसके बाद बरेली में कुठ संगठनों, नेताओं और लोगों ने उनका विरोध किया था।
इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रज़ा खान ने आरोप लगाने वालों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उन लोगों ने आरोप लगाना बंद नहीं किया तो वह सबकी पोल खोल देंगे। उन्होंने कहा कि देवबंद जाकर उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया। मुस्लिम इत्तेहाद के लिए वह फिर जाएंगे। मौलाना रज़ा ने कहा कि मुसलमानों की तरक्की के लिए एक कॉमन प्रोग्राम लाना ज़रूरी हैं।
मौलाना तौकीर रज़ा ने कहा कि देवबंद में उन्होंने साफ कर दिया था कि वह दीनी मसलक के लिए नहीं बल्कि दुनियाबी ऐतबार से मुसलमानों की तरक्की के लिए हम सब को एक होना होगा। उन्होंने कहा कि वह सच्चे मुसलमान हैं, देश से प्यार करते हैं। देश की तरक्की और एकता की रहा में कुछ ताकतें रोड़ा बन रही हैं। उन्होंने कहा कि एक ताकत मुल्क को हिंदू राष्ट्र बनाना चाहती है। वह मुसलमानों के खिलाफ हिंदुओं के दिलों में नफरत भर रही हैं। मौलाना रज़ा ने कहा कि आला हज़रत किसी की जागीर नहीं हैं, वह सबके हैं।
इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल के प्रवक्ता डॉ नफीस खां ने भी विरोध करने वालों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि देवबंद जाने की मुखालफत करने वाले वो लोग हैं जो गुजरात के ज़फर सरेशवाला की क्यादत में पीएम मोदी से मिलने गए लोग आला हज़रत की शहजादों में हैं। क्या जफर सरेशवाला वहाबी नहीं हैं। इसके अलावा कुछ लोग एमएलसी बनने के चक्कर में सपा के महाराष्ट्र के अध्यक्ष अबु आसिम आज़मी से मिलने गए। क्या अबु आसिम आज़मी वहाबी नहीं है। मौलाना रज़ा तो मिल्लत के लिए मिलने गए। प्रवक्ता डॉ नफीस खां ने कहा कि कुछ लोग नसीमुद्दीन सिद्दीकी से भी मिलने गए। वो भी तो वहाबी हैं।
bahut achhi pehal ki hai.jis trah ka mahol kharab kar rahe Hein uske liyen bahut zaroori hai ittahad paida karna .
Alhamdulillsh