नई दिल्ली:
कर्नाटक में राजनीतिक संकट का मामला एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. कर्नाटक में कांग्रेस के पांच और बागी विधायकों ने विधानसभा स्पीकर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इन विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी है, जिसमें कहा गया है कि विधानसभा स्पीकर उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं कर रहे हैं. इन विधायकों में सुधाकर, रोशन बेग, एमटीबी नारगाज, मुनिरत्न और आनंद सिंह के नाम हैं. अब इन पांच विधायकों के साथ ही सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले बागी विधायकों की संख्या 15 हो गई है. इससे पहले कर्नाटक में जारी राजनीतिक अस्थिरता के बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने विधानसभा से इस्तीफा देने वाले असंतुष्ट विधायकों को मनाने के लिए पर्दे के पीछे से बातचीत शुरू कर दी थी.
मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने विधानसभा में सभी को हैरान करते हुए घोषणा की थी कि वह विश्वास मत कराएंगे जिसके एक दिन बाद असंतुष्ट विधायकों को मनाने की कोशिशें तेज कर दी गई हैं. कांग्रेस के संकटमोचक माने जाने वाले एवं जल संसाधन मंत्री डी के शिवकुमार सुबह करीब पांच बजे आवास मंत्री एम टी बी नागराज के आवास पहुंचे और वह उन्हें मनाने के लिए करीब साढ़े चार घंटे तक वहां रहे. खबरों के अनुसार, उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर भी नागराज को इस्तीफा वापस लेने के लिए मनाने के वास्ते उनके घर गए. नागराज ने बुधवार को विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था. इसी तरह विधायक रामलिंगा रेड्डी, मणिरत्न और आर रोशन बेग को मनाने की कोशिश की गई.
जद में सूत्रों ने बताया कि कुमारस्वामी इस्तीफा देने वाले कम से कम चार कांग्रेस विधायकों के साथ सीधे संपर्क में हैं और उन्हें उम्मीद है कि वे अपने इस्तीफे वापस ले लेंगे. संभवत: आगामी सप्ताह में विश्वास मत के मद्देनजर विधायकों को एकजुट रखने की कवायद के तहत कांग्रेस और भाजपा दोनों ने अपने विधायकों को होटल और रिजॉर्ट में भेज दिया है. इन घटनाक्रमों पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा ने कहा कि इन प्रयासों का कोई नतीजा नहीं निकलेगा क्योंकि सरकार का पतन ‘निकट’ है. येदियुरप्पा ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘कांग्रेस और जद में भ्रम है जिसके कारण विधायक पार्टी छोड़ रहे हैं. विधायकों को वापस लाने के लिए एक व्यवस्थागत साजिश चल रही है.
येदियुरप्पा ने कहा, ‘माहौल अराजक है और सरकार का पतन आसन्न है.’ येदियुरप्पा ने दावा किया कि राज्य सरकार बहुमत खो चुकी है. उन्होंने कहा कि विश्वास मत कराना ‘निरर्थक’ है. उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कांग्रेस-जद गठबंधन के 10 असंतुष्ट विधायकों के इस्तीफे पर अध्यक्ष को 16 जुलाई तक यथास्थिति बरकरार रखने के आदेश दिए थे जिसके बाद कुमारस्वामी ने सदन में विश्वास मत कराने की घोषणा कर दी थी. कर्नाटक में पिछले साल त्रिशंकु विधानसभा के बाद गठबंधन सरकार बनी थी. तब से ही सरकार उतार-चढ़ाव के कई दौर से गुजरी है. सरकार अब गंभीर संकट से गुजर रही है. उसके 16 विधायकों ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है. इनमें से 16 विधायक कांग्रेस के और तीन जद के हैं