गौतमबुद्ध नगर, यूपी
ग्रेटर नोएडा का गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय (जीबीयू) एक ऐतिहासिक घटना का गवाह बना। यहां शुरू हुई राष्ट्रीय घुड़सवारी प्रतियोगिता में पहली बार अलीगढ़ की चार मुस्लिम बेटियां शामिल हुई। इनमें दो सगी बहनें भी हैं।
खास बात यह रही कि इन लड़कियों ने ओपन चैलेंज का सामना किया। जीबीयू में आयोजित अंतरराष्ट्रीय घुड़सवारी प्रतियोगिता में भारत समेत 17 मुल्कों की टीमों ने हिस्सा लिया। इनमें क्लब, सेना, पुलिस और अर्ध सैनिक बलों की टीम शामिल हैं। प्रतियोगिता दो हिस्सों में हुई। पहले राष्ट्रीय और फिर अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता हुई।
राष्ट्रीय घुड़सवारी में पहली बार लड़कियों की हिस्सेदारी रही है। भारतीय टीम में अलीगढ़ की चार लड़कियां लबीबा शेरवानी, हीरा मिर्जा, सूफिया खालिद और तबस्सुम खालिद का चयन किया गया है। लबीबा और हीरा इंटरमीडिएट की छात्राएं हैं। सूफिया इंजीनियरिंग और तबस्सुम मैनेजमेंट की पढ़ाई कर चुकी हैं। चारों लड़किया रॉयल क्लब अलीगढ़ में घुड़सवारी का प्रशिक्षण ले रही हैं।
लबीबा इस टीम में सबसे कम उम्र की सदस्य हैं। कहती हैं कि ये साल लड़कियों के लिए बहुत कुछ लेकर आया है। गणतंत्र दिवस की परेड में सेना में कार्यरत लड़कियों ने नेतृत्व किया। टीम की सीनियर तबस्सुम खालिद का कहना है कि ‘वर्ष 2011 में कश्मीर घूमने के दौरान मैंने घुड़सवारी की।
ताउम्र चाहिए परिवार का साथ
चारों लड़कियों की एक ख्वाहिश है कि पूरी उम्र परिवार वाले ऐसे ही साथ देते रहें। तबस्सुम खालिद कहती हैं कि हमारे समाज में लड़कियों को लेकर थोड़ा संकोच है। परदा, कम उम्र में शादी और पढ़ाई-लिखाई का अभाव आड़े आता है। ऐसे में हमारे परिवारों ने जो हौसला दिखाया है, वह हमारी सबसे बड़ी ताकत है। पीएनएस टीम इन लड़कियों के हौसले को सलाम करती है।