Breaking
22 Nov 2024, Fri

जौनपुर: पूर्व मंत्री ललई यादव पर FIR, सपा में वर्चस्व की लड़ाई

JAUNPUR SAMAJWADI PARTY ROW 1 011118

जौनपुर, यूपी

प्रदेश की सत्ता के बाहर होने के बाद एक तरफ जहां समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव लोक सभा चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं वहीं जौनपुर में समाजवादी पार्टी आपसी कलह खुलकर सामने आ गई है। ज़िले की राजनीति में पार्टी में वर्चस्व को लेकर दो गुटों में लड़ाई तेज़ हो गई है। ताज़ा मामला सपा के एक निष्कासित नेता का है जिसने पूर्व मंत्री और शाहगंज से विधायक शैलेंद्र यादव ललई पर एफआईआर दर्ज कराई है।

क्या है मामला
दरअसल ज़िले में समाजवादी पार्टी के अल्फस्टीनगंज स्थित ज़िला कार्यालय पर सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के मौके पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में ज़िले के सपा के जुड़े काफी संख्या में नेता, कार्यकर्ता मौजूद थे। इसी कार्यक्रम में पूर्व मंत्री शैलेंद्र यादव ललई भी मौजूद थे। सपा में सक्रिय रहे जौनपुर दीवानी न्यायालय के पूर्व डीजीसी राजेंद्र प्रसाद यादव टाइगर का आरोप है कि बैठक खत्म होने के बाद पूर्व मंत्री शैलेंद्र यादव के इशारे पर उनके लोगों ने उन्हें मारा-पीटा, गालिया व धमकी दी। इसके साथ ही सोने की चैन व रुपए छीन लिए।

पुलिस ने दिखाई गजब कीफुर्ती
अमूमन एफआईआर दर्ज में हमेशा आनाकानी करने वाली ज़िले की पुलिस ने पूर्व मंत्री ललई यादव का नाम आने पर गजब की फुर्ती दिखाई। दरअसल विपक्ष में रहना पूर्व मंत्री शैलेंद्र यादव ललई काफी भारी पड़ गया। पुलिस ने इस मामले में राजेंद्र यादव टाइगर की तहरीर पर कोतवाली थाने में देर शाम पूर्व मंत्री पर मुकदमा दर्ज कर लिया।

सपा से निष्कासित है राजेंद्र प्रसाद यादव टाइगर
दीवानी न्यायालय के पूर्व डीजीसी फौजदारी और सपा कार्यकर्ता राजेंद्र प्रसाद यादव ‘टाइगर’ वर्तमान में सपा से 6 साल के लिए निष्कासित हैं। उन पर आरोप है कि अभी हाल में एक बैठक के दौरान उन्होंने पूर्व मंत्री ललई यादव, जगदीश सोनकर समेत कई नेताओं के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली थी और अपशब्दों का इस्तेमाल किया था। इसी के बाद ज़िला कमेटी ने नका निष्कासन किया था।

पूर्व मंत्री ललई यादव का खेमा नाराज़
मुकदमा दर्ज होने के बाद ललई यादव का खेमा काफी नाराज़ है। एक तरफ वह सत्ता पक्ष और पुलिस पर पद के दुरुपयोग का आरोप लगा रहा है तो दूसरी तरफ इस कार्रवाई के पीछे ज़िले के कभी कद्दावर नेता रहे पूर्व मंत्री पारसनाथ यादव का हाथ बता रहा है। ललई यादव से जुड़े लोगों का कहना है कि राजेंद्र यादव को पूर्व मंत्री पारसनाथ का समर्थन मिला हुआ है। यहीं वजह है कि निष्कासन के बाद भी वह कार्यक्रम में शामिल हुए।

ज़िले में सपा नेताओं की वर्चस्व की लड़ाई
जौनपुर में सपा में कई गुट बने हुए हैं। इन गुटों में वर्चस्व को लेकर लगातार विवाद होता रहा है। ऐसा पहली बार हुआ है जब पार्टी में गुटों की लड़ाई थाने तक पहुंची है। दरअसल ललई यादव और पारसनाथ यादव के बीच टकराव को ज़िले में पार्टी से जुड़े सभी नेता स्वीकार करते हैं। ललई यादव पर हुई एफआईआर पार्टी के अंदर की गुटबाज़ी को सड़क पर ला खड़ा कर दिया है। अब देखना ये है कि पार्टी हाईकमान इस मामले को किस रुख से देखता है।