अशफाक़ अहमद
लखनऊ, यूपी
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के प्रवक्ता मौलाना सज्जाद नोमानी के खिलाफ यूपी शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने राजद्रोह का केस दर्ज कराया है। वसीम रिज़वी का आरोप है कि हैदराबाद में हुई मीटिंग में 9 फरवरी को भड़काऊ भाषण दिया था। अब पीएनएस ने उनकी FIR की तहकीकात की तो पता चला कि उन्होंने बड़ा झूठ बोला है।
शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिज़वी ने अपनी FIR पता दर्शाने की जगह में अस्थायी पता की जगह अपने आफिस का पता दिया है जबकि स्थायी पता में भी उन्होंने अपने आफिस के पते को दर्शाया है। सवाल ये उछता है कि क्या कोई व्यक्ति सरकारी आफिस को अपना पता कैसे लिख सकता है। दूसरी बात ये है कि वसीम रिज़वी की नियुक्ति स्थायी नहीं है बल्कि वो कुछ समय के लिए सरकार द्वारा नामित किए गए हैं। ऐसे में वह अपने कार्यालय को स्थायी पता कैसे बता सकते हैं।
मालूम हो कि लखनऊ के हजरतगंज थाने में नोमानी के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। वसीम रिज़वी ने 13 फरवरी को हजरतगंज थाने में शिकायत की थी। इसमें कहा गया है कि मौलाना नोमानी ने 9 फरवरी से शुरू हुई AIMPLB मीटिंग में हिंदुस्तानी मुसलमानों को भड़काने वाला भाषण दिया था। हजरतगंज थाने में नोमानी के खिलाफ आईपीसी की धारा 124ए, 153ए, 153बी और 298 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।