अज़ीम सिद्दीकी
जौनपुर, यूपी
इश्क का खुमार चढ़ने पर अच्छे-अच्छे को बना भी देती है और बिगाड़ भी देती है। इसी इश्क का खुमार एक प्राइमरी के अध्यापक को ले डूबा। इश्क होने से पहले अध्यापक की धर्मपत्नी का प्राकृतिक निधन लगभग दस वर्ष पहले हो चुका था। प्यार अंधा होता है दिखता नहीं है। इसी के चक्कर मे एक प्राइमरी के अध्यापक का दिल विद्यालय में बच्चों के लिए खाना बनाने आ रही रसोइयां पर दिल आ गया। जबकि अध्यापक के घर पुत्र-पुत्रवधू उनके तीन बच्चियां भी है। अध्यापक का दिल रसोइयां पर आने के बाद प्रेम होने लगा और धीरे-धीरे प्रेम परवान चढ़ने लगा। इतना अधिक चढ़ गया कि अध्यापक घर आना छोड़ दिया और इश्क में सारी सीमाएं लांघ दिए।
प्यार का खुमार उतरने के बाद जब अध्यापक को प्यार के गहरी निंद्रा से आँख खुली तो लगा कि गलत कर रहा हूँ और घर जाने के इच्छा प्रेमिका रसोई से जाहिर किया तो संदिग्ध हालात में अध्यापक की मौत हो गई। मौत होने से पहले सारी सम्पत्ति और पैसों से अध्यापक हाथ धो चुके थे। अध्यापक ससुर की पुत्रवधू ने प्रेमी महिला के ऊपर गम्भीर आरोप लगाते हुए बताया कि सम्पत्ति लेने के लिए मेरे ससुर को बहला फुँसला के अपने प्रेम के माया जाल में फंसा के रसोई प्रेमिका महिला ने संदिग्ध हाल में हत्या करा दी।
जिसका परिणाम आज मैं भोग रही हूं कि कही तीसरे के हाथ मेरी जमीन न बिक जाए रसोइयां प्रेमिका किसी और को जमीन बेच कर फरार न होजाये प्रेम निशानी पर विराम न लगा दे जो हमारी पुष्तैनी संपत्ति है। जिसके लिए पुत्रवधू सुमन शाहगंज रजिस्ट्री ऑफिस में लगातार चार बरसों से पहरा दे रही है। चाहे बरसात हो ठंढ हो या प्रचंड गर्मी सुबह 10 बजे सुमन का आगमन शाहगंज तहसील की रजिस्ट्री ऑफिस में आगमन होता है और शाम 4 बजे ऑफिस बन्द होने पर वापस अपने घर खुटहन थाना क्षेत्र के शेरपुर पथराँ, गाँव लौट जाती है।
प्रेमी ससुर ब्लॉक सुइथाकला के ग्राम रामनगर कटघर प्राइमरी में थे मास्टर
जिले के शाहगंज सर्किल के अंतर्गत स्थित थाना खुटहन क्षेत्र के शेरपुर पथरा गांव निवासी सुमन पत्नी सुनील बिन्द ने पत्रकारों से अपनी पीड़ा सुनाते हुए बताया कि मेरे ससुर रामबरन ब्लॉक सुइथाकला के ग्राम रामनगर कटघर गांव स्थित एक प्राइमरी में अध्यापक थे। जहां पर मिड-डे-मील बनाने के लिए एक रसोई महिला खाना बनाने का काम करती थी। सास के मृत्यु के पश्चात अध्यापक ससुर का रसोई से प्रेम हो गया। इसी बीच ससुर अध्यापक घर आना छोड़ दिये। काफी समझाने – बुझाने के बाद भी घर नहीं आते थे। वहीं पर रहकर अध्यापक कार्य को अंजाम देते थे और वहाँ पर भी आधा दर्जन दुकान सहित घर बना लिए थे।
संदिग्ध हालात में अध्यापक ससुर की मौत
अध्यापक का रसोई से प्रेम होने बाद धीरे-धीरे जब प्रेम की गहरी नींद से आग खुली तो घर जाने की इच्छा जताया तो इसी बीच सन्दिग्ध हालात में मौत हो गई। पुत्रवधू महिला का आरोप है कि घर आने के इच्छा जाहिर करने के बाद प्रेमिका रसोई महिला ने ससुर की हत्या करा दी। रिटायर्ड के बाद घर जाने की इच्छा जाहिर करते ही प्रेमिका रसोई ने रामनगर में छः दुकान, घर और पैसा सब अपने नाम करा लिया था। जिससे अब रहने के लिए कुछ नहीं बचा है। जिसके खिलाफ पुत्रवधू अपने तीन बच्चियों को छोड़कर अकेले लड़ाई लड़ रही है। जबकि पति पेट पालने के लिए रोजी-रोटी के सिलसिले में इधर-उधर मज़दूर करके भरणपोषण कर रहे है।
प्रेमिका रसोई ने आज़मगढ़ के एक युवक को बना दी पॉवर ऑफ अटॉर्नी
अध्यापक ससुर के साथ प्रेमिका रसोई पहले ही सारा खेल चुकी थी। अध्यापक ससुर का मन मोह कर अपने मनमुताबिक जमीन और पैसा अपने नाम करा लिया था। ससुर अध्यापक के मृत्यु बाद प्रेमिका रसोई महिला ने अपनी चालाकी दिखाते हुए जौनपुर जिले से सटे आज़मगढ़ जिले के फूलपुर निवासी युवक राहुल जायसवाल को पॉवर ऑफ अटार्नी बना दी है। जिसका मतलब की जमीन दोनो में से कोई एक बेच सकता है। जिसके भय स पुत्रवधू शाहगंज रजिस्ट्री ऑफिस का चक्कर काट रही है कही जमीन बिक न जाने जाएं। जिसके लिए वह लगातार रजिस्ट्री ऑफिस में पहरा दे रही है।
भगवान भरोसे तीन बेटियों को छोड़कर जमीन बचाने में जुटी पुत्रवधू
आज से लगभग चार साल से लगातार शाहगंज रजिस्ट्री ऑफिस का चक्कर काट रही महिला ने बताया कि मेरे पास तीन बच्चियां है। सास के मृत्यु के दौरान बच्चियां छोटी – छोटी थी। लेकिन अब बड़ी हो चुकी है। ससुर अध्यापक के करनी का परिणाम भुगत रहे है कही जमीन बिक न जाने वर्ना खुले आसमान के नीचे रहने के लिए विवश हो जाऊंगी। जिसके लिए तीनों बच्चियों को भगवान भरोसे छोडकर शाहगंज रजिस्ट्री ऑफिस में पहरा दे रही है। गैर जनपद से प्रेमिका रसोई महिला ने पॉवर ऑफ अटार्नी बना देने के बाद और अधिक भय सता रहा है।
आज से लगभग चार साल से चक्कर काट रही है साल के बारह महीने का यही हाल है चाहे गर्मी हो, बरसात हो या फिर ठंडी। पति रोजी-रोटी के लिए दिनभर इधर-उधर मज़दूर करके शाम हो घर वापिस लौटते है। तब तक भगवान भरोसे बच्चीयों को छोड़कर जमीन बचाने में लगी हुई है। कुल मिलाकर प्रेम के जाल में फंसने में बाद ससुर अध्यापक अपनी सारी सम्पत्ति विवश होकर प्रेमिका महिला के नाम कर दिया था। जिससे एक और युवक के शामिल हो जाने से अत्यधिक डर पुत्रवधू को सताने लगा है। खुदा न खासता यदि जमीनी किसी तीसरे के हाथ बिक गयी तो पुत्रवधू अपने बच्चियों के साथ खुले आसमान के नीचे रहने को विवश होंगें।