बैंगालुरु, कर्नाटक
पीएम नरेंद्र मोदी से दिल्ली में मुलाकात के ठीक एक दिन पहले रविवार को कर्नाटक के सीएम एचडी कुमारस्वामी ने कहा है कि वह राज्य के 6.5 करोड़ लोगों की नहीं, कांग्रेस की दया पर निर्भर हैं। लोगों ने उन्हें बहुमत देकर विधान सभा नहीं पहुंचाया है। फिर भी अगर एक सप्ताह में किसानों का 53 हजार करोड़ का कर्ज माफ नहीं कर पाए तो इस्तीफा दे देंगे। कुमारस्वामी सोमवार को पीएम के अलावा कई केंद्रीय मंत्रियों से दिल्ली में मुलाकात करेंगे।
सीएम कुमारस्वामी ने कहा कि, ‘कर्नाटक के लोगों ने चुनाव में मुझे और जेदीएस को खारिज कर दिया था। मैंने लोगों से पूर्ण बहुमत मांगा था। मैंने किसान नेताओं के बयान भी सुने थे। मैं यह भी जानता हूं कि उन्होंने मेरा कितना समर्थन किया था। अगर मुझे पूर्ण बहुमत मिलता तो मेरे ऊपर जनता के दबाव के अलावा किसी का ज़ोर नहीं होता। आज मैं कांग्रेस की दया पर हूं।’
सीएम कुमारस्वामी ने कहा कि बतौर नेता उनकी कुछ मज़बूरियां भी हैं। हालांकि, कृषि कर्ज़माफी को लेकर उनकी सोच स्पष्ट है। बीजेपी और किसान नेताओं को लताड़ते हुए कहा कि दबाव बनाने की ज़रूरत नहीं है। अगर वह कृषि कर्ज़ माफ नहीं करा पाए तो किसी को उनका इस्तीफा नहीं मांगना पड़ेगा। वह खुद ही पद से इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने कहा कि लोग एक सप्ताह इंतज़ार करें। अभी तो मंत्रिमंडल गठन भी नहीं हुआ है।
कुमारस्वामी ने किसानों से आत्महत्या जैसा घातक कदम नहीं उठाने की अपील की है। सरकार सहकारी समितियों ही नहीं सरकारी बैंकों से कर्ज लेने वाले किसानों को भी राहत दिलाने की दिशा में काम करेगी। दरअसल, कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता बीएस येदियुरप्पा ने चेतावनी दी थी कि अगर कृषि कर्ज माफ नहीं हुआ तो भाजपा 28 मई से राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ देगी। इस पर जदएस नेतृत्व ने कहा था कि उन्हें कोई भी फैसला लेने से पहले कांग्रेस की सहमति लेनी होगी।