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22 Dec 2024, Sun

एमपी अजब है गजब है ।यहां कब क्या हो जाए किसी को पता नही चलता। ताजा मामला गुना जिले की चाचौड़ा पंचायत से सामने आया है। यहां एक बुजुर्ग महिला ने पंचायत सचिव को पांच हजार की रिश्वत नही दी तो उसने फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र जारी कर दिया।मामले की जानकारी जैसे ही मुख्य कार्यपालक अधिकारी को लगी उन्होंने आरोपी पंचायत सचिव को शोकॉज जारी कर दिया। वही सचिव के इस कारनामे से हर कोई ग्रामीण हैरान है।

प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर मध्य प्रदेश के गुना जिले में फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ है। यहां की एक पंचायत में बुजुर्ग महिला का फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने का मामला सामने आया है। चाचौड़ा पंचायत की 84 साल की बुजुर्ग महिला ने आरोप लगाया है कि पांच हजार रुपए रिश्वत नहीं देने के कारण पंचायत सचिव ने उसका मृत्यु प्रमाणपत्र जारी कर दिया। जनपद पंचायत कार्यालय पहुंचकर जब वृद्धा ने वरिष्ठ अधिकारी से सवाल किया, ‘मैं जिंदा हूं या मर गई’, तो दफ्तर में मौजूद लोग हैरान रह गए। मामले की जानकारी लेने के बाद मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने आरोपी पंचायत सचिव को शोकॉज जारी किया है।

क्या है पूरा मामला
84 वर्षीय वृद्धा शांति बाई ने बताया कि उन्होंने पंचायत सचिव राजेंद्र सिंह को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर के लिए आवेदन दिया था। उनका आरोप है कि पंचायत सचिव ने उससे इसके एवज में पांच हजार रुपए रिश्वत की मांग की। बुजुर्ग महिला ने जब रिश्वत नहीं दी, तो सचिव ने उसका मृत्यु प्रमाणपत्र जारी कर दिया। शांति बाई ने आरोप लगाया कि उन्हें मृत बताकर सचिव ने किसी अन्य व्यक्ति का नाम इस योजना के लाभुकों की सूची में जोड़ दिया।

दफ्तर में अधिकारी रह गए हैरान
जब शांति बाई को फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र जारी होने का पता चला, तो वो जनपद पंचायत कार्यालय पहुंची। यहां उसने जनपद कार्यालय के अधिकारियों को इस मामले की जानकारी देते हुए पूछा कि, ‘मैं ज़िंदा हूं या मर गई’, तो जिम्मेदार अफसरों को इसका जवाब नहीं सूझा। पूरे मामले में रोचक तथ्य यह भी है कि बुजुर्ग शांति बाई को वर्तमान में सरकार की कल्याणी योजना के तहत पेंशन भी मिल रही है। इसके बावजूद फर्जी तरीके से उसका मृत्यु प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया।

आरोपी ने की लीपापोती की कोशिश
बुजुर्ग महिला की शिकायत के आधार पर अब आरोपी पंचायत सचिव के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। चाचौड़ा जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने आरोपी को इस बाबत (संबंध) शोकॉज (कारण बताओ नोटिस) जारी किया है। इस नोटिस में जब फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने का कारण पूछा गया तो राजेंद्र सिंह ने इसे सरपंच की साजिश करार दिया। राजेंद्र सिंह ने इस मामले में खुद को निर्दोष बताया है। बहरहाल, अब जब तक ये बात सरकारी तौर पर साबित नहीं हो जाती, तब तक वृद्धा शांति बाई खुद को जिंदा साबित करने के प्रयास में लगी हुई है। उन्होंने न्यूज़ 18 से बातचीत में कहा कि उसने तो सिर्फ घर मांगा था, बदले में उसकी पहचान मिटाने की ही कोशिश होने लगी।

By #AARECH