जयपुर, राजस्थान
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओम प्रकाश रावत ने राजनैतिक दलों द्वारा बैलेट पेपर पर मतदान कराने की मांग को खारिज कर दिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि निष्पक्ष और पारदर्शी चुनावों के लिये आयोग देश में होने वाले विधानसभा चुनावों में पहली बार अत्याधुनिक वीवीपेट और इवीएम एम थ्री मशीनों से मतदान कराएगा।
दो दिवसीय राजस्थान यात्रा पर चुनाव आयोग की पूर्ण पीठ के साथ जयपुर आये चुनाव आयुक्त रावत ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुये यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि निष्पक्ष और पारदर्शी चुनावों के तहत मतदान के दौरान सेल्फी लेने के साथ ही कानून की अह्वेलना करने वाले किसी भी तरह के साधनों के उपयोग की अनुमति नही दी जायेगी।
ओम प्रकाश रावत ने साफ किया कि आयोग ने इवीएम और वीवीपैट मशीनों की जांच पूरी तरह कर ली है और इसमें किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। आयोग ने इस पर आपति उठाने वाले संगठनों को दो बार इसे साबित करने का मौका दिया लेकिन कोई भी दल इस संबंध में आयोग की चुनौती को स्वीकार करने के लिए सामने नही आया।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनाव आयोग ने पहली बार भय रहित और निष्पक्ष चुनावों के लिये “सिटीजन विजिलेंस” व्यवस्था लागू की गयी जा रही है। इसके तहत किसी भी मतदान केन्द्र पर होने वाली किसी भी प्रकार की गड़बडी का वीडियो अपलोड कर भेजा जायेगा तो आयोग उस पर सख्त कार्यवाही करेगा। आयोग इस वीडियो को एक दस्तावेज मानेगा। शिकायतकर्ता चाहेगा तो उसकी पहचान भी गुप्त रखी जा सकेगी और ऐसे विडियों पर 24 घंटे में ही कार्यवाही हो जायेगी।
राजनेतिक और सामाजिक संगठनों द्वारा बडी संख्या में फर्जी और दोहरे मतदाता की शिकायतों के संबंध में उन्होंने आश्वस्त किया कि आयोग इस संबंध में सख्त कार्यवाही करेगा। उन्होंने कहा कि सामाजिक संगठन द्वारा की गयी शिकायतों के संबंध में जयपुर के हवामहल क्षेत्र में कारर्वाई भी शुरू कर दी गयी है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में आयोग के पास कुल 14 लाख 29 हजार 869 शिकायतें आयी जिनमें 7,13,377 शिकायतें सामाजिक संगठनों से तथा शेष राजनीतिक दलों से मिली है। इसकी जांच कर मतदाताओं सूचियों को सुधारा जायेगा।