लखनऊ, यूपी
पार्टी के गठन के बाद पीस पार्टी इस समय अब तक के सबसे मुश्किल दौर से गुज़र रही है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ मोहम्मद अय्यूब रेप के आरोप में जेल में बंद हैं। उन्हें जेल गए एक महीने से ऊपर हो चुका है। दूसरी तरफ पार्टी के महासचिव, राष्ट्रीय प्रवक्ता और उत्तराखंड और पश्चिमी यूपी के प्रभारी अज़ीज़ बर्नी ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। बर्नी ने पार्टी की सदस्यता भी छोड़ने का एलान किया है।
अज़ीज़ बर्नी ने पार्टी अध्यक्ष भेजे गए इस्तीफे में लिखा है कि वह पहले भी राजनीतिक व्यक्ति नहीं थे। पर उन्होंने समाज की भलाई के लिए पार्टी ज्वाइन की थी। उन्हें लगता है कि वह किसी राजनीतिक दल में रहकर ये काम नहीं कर सकते है। इसलिए वह राजनीति छोड़ रहे हैं। वह किसी दूसरे दल में नहीं जाएंगे। अज़ीज़ बर्नी ने आगे लिखा है कि वह एक एनजीओ बनाकर समाज के लिए काम करना चाहते हैं।
कौन है अज़ीज़ बर्नी
अज़ीज़ बर्नी सीनियर हैं और वह उर्दू मीडिया से जुड़े काफी लंबे अरसे से जुड़े हैं। सहारा के उर्दू अखबार को उन्होंने बुलंदियों तक पहुंचाया। उसके बाद उन्होंने सहारा को अलविदा कह दिया और अपना अखबार अज़ीज़ुलहिंद ले आए। ये अखबार आम लोगों के डोनेशन पर चलता था। बाद ये ये अखबार भी बंद हो गया और अखबार के ट्रस्ट को अज़ीज़ बर्नी ने अपनी बेटी के नाम कर दिया।
पीएनएस का दावा सही निकला
पीएनएस ने सूत्रों के हवाले से चुनाव में ही ये खबर दी थी कि पीस पार्टी ने अज़ीज़ बर्नी को किनारे कर दिया गया है। अज़ीज़ बर्नी ने चुनाव में कभी प्रचार नहीं किया। यहां तक कि चुनाव के दौरान वह पार्टी अध्यक्ष के क्षेत्र में भी नहीं आएं। हालांकि चुनाव से काफी पहले वो एक दो बार मंच पर ज़रूर नज़र आए थे। पीस पार्टी में शामिल होने से पहले वो एमआईएम में भी शामिल होना चाहते थे लेकिन वहां पार्टी अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मना कर दिया था। यहां वजह थी कि चुनाव के दौरान अज़ीज़ बर्नी ने असदुद्दीन ओवैसी पर कई आरोप लगाए थे।