गाजीपुर, यूपी
पूरी दुनिया का मुसलमान जिस पैगम्बर को मानता है, उन्होंने अपनी प्यारी बेटी को दहेज में सिर्फ बहुत ही ज़रूरत का सामान भेंट किया था। आज के दौर में ज़्यादातर मुसलमान इस पर अमल नहीं कर रहा है, फिर हम कैसे इस्लाम को मानने वाले हुए। दहेज एक बुराई की शक्ल में में हमारे सामने है। ये बातें मौलाना फिदा हुसैन वारसी ने यहां आयोजित एक प्रोग्राम में कहीं।
ये प्रोग्रम ज़िले के विकास खंड भावरकोल के गांव फखनपुरा के मदरसा बुखारिया फरीदिया में आयोजित किया गया था। प्रोग्राम “इस्लाहे मआसरा का मुस्तकबल व हमारा समाज” नाम ये आयोजित हुआ। ये प्रोग्राम ज़िला वफद प्रतिनिधि इस्लाहे मोआशरा कमसारो बार गगा और कर्मनासा पार गाजीपुर द्वारा आयोजित हुआ। इसमें मुसलमानों में फैली हुई दहेज रूपी बड़ी बुराइ और तलाक के खिलाफ एक जुटता पर बल दिया गया।
मौलाना फिदा हुसैन वारसी ने कहा कि पैगम्बर ने जो भी फरमाया है, उसे हम अपनी जिंदगी में पूरी तरह से उतारेंगे तो हमारी ज़िदगी खूबसूरत बन सकती है। उन्होंने कहा कि मर्द को तीन तलाक के लिए तीन मौके देना ही चाहिए। यहीं नही तलाक देने के बाद औरत के गुज़ारे का सामान देकर मर्द अलग रह सकता है। ये सिर्फ इस्लाम में ही है।
प्रोग्राम में बोलते हुए मुफ़्ती इनाम कासमी ने कहा कि इंसानों को जैसे धूप, हवा, पानी की ज़रूरत है, तो उसे तरह तरह की इस्लाह-ए-माआशरा की भी ज़रूरत है। हमें अल्लाह की दी हुई हर चीज की इज्ज़त करनी चाहिए। दहेज रुपी दानव को खत्म करना, तलाकशुदा औरतों की मदद करना फिलहाल कौम-ओ-मिल्लत और समाज की ज़रूरत है। आज समाज में ऐसी बुराई है कि खर्च शुदा शादी को ही अच्छी शादी कहते हैं लेकिन खुदा और उसके पैगम्बर के मुताबिक अच्छी शादी वह है जिसमें कम से कम खर्च हो।
इस मौके पर समाजी कार्यकर्ता फरीद अहमद गाज़ी ने कहा कि समाज से दहेज प्रथा को पूरी तरह से खत्म किया जाना चाहिए। इस मौके पर प्रधानाचार्य, मैनेजर मसीहुल हक खान, जोखू खां, इम्तियाज़ अहमद, जय प्रकाश प्रजापति, अहमद जावेद ने भी लोगों को संबोधित किया।
इस प्रोग्राम “इस्लाहे मआसरा का मुस्तकबल व हमारा समाज” का उद्घाटन हाफिज़ नियाज अहमद के तिलावते कलाम पाक और नात-ए-पाक से हुआ। प्रोग्राम की अध्यक्षता हाजी जैनुद्दीन खा ने की जबकि प्रोग्राम का संचालन बहुत ही बेहतर तरीके से अकबर अंसारी ने किया। प्रोग्राम में आए मेहमानों, और लोगों का नदीम अहमद सिद्दीकी ने शुक्रिया अदा किया। इस प्रोग्राम में आसपास के दर्जनों गांवों के भारी संख्या में लोग मौजूद थे।