अब्दुल कय्यूम
लखनऊ, यूपी
भारत में मीडिया अपने रास्ते से बिल्कुल हट गया है। मीडिया या तो इमेज बिगाड़ रहा है कि या फिर इमेज बना रहा है। यहीं नहीं मीडिया अब धार्मिक अल्पसंख्यकों, दलितों और आदिवासियों के खिलाफ विद्रोह का माहौल बना रहा है, जिससे समाज में उनके खिलाफ नफरत पैदा हो रही है। ये नफरत नो तो देश के लिए बेहतर है और न ही समाज के लिए। ये बातें एसआईओ की तरफ से आयोजित कार्यक्रम में पत्रकार डॉ अशफाक अहमद ने कहीं।
राजधानी लखनऊ में जमात-ए-इस्लामी के मौलवीगंज आफिस में एसआईओ यानी स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया की तरफ से “Media Propagande & Our Res ponsibilities” विषय पर लेक्चर का आयोजन किया गया था। इसमें स्पीकर के तौर पर पत्रकार डॉ अशफाक अहमद को आमंत्रित किया गया था। ये कार्यक्रम एसआईओ की सेंट्रल यूनिट ने आयोजित किया। कार्यक्रम का संचालन मोहम्मद राशिद ने किया।
बतौर स्पीकर बोलते हुए डॉ अशफाक अहमद ने कहा कि मौजूदा समय में समाज में मीडिया अपनी उपयोगिता खोता जा रहा है। इलेक्ट्रानिक और प्रिंट मीडिया एक तरफा काम कर रहा है। खबरें और बुनियादी समस्याओं को छोड़कर धार्मिक मुद्दों को तरजीह देकर उस पर बात की जा रही है। मीडिया की स्थिति को देखर लगता है कि वह प्रोडक्ट का एड कर रही है। मीडिया लोकतंत्र के स्तंभ को भी कमज़ोर कर रहा है और वह सब किसी खास के इशारे पर किया जा रहा है।
डॉ अशफाक अहमद ने कहा कि इन सब के बीच सोशल मीडिया ने अपनी पकड़ को मज़बूत किया है। अब तो हर आम व खास आदमी पत्रकार है जो सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहा है। ये अलग बात है कि सोशल मीडिया का दुरुपयोग भी खूब हो रहा है लेकिन इसके बेहतर इस्तेमाल के समाज के दबे, पिछड़े लोग अपनी बात आम लोगों तक पहुंचा सकते हैं। उन्होंने मौजूद छात्रों और पत्रकारों से कहा कि वो हिम्मत न हारें और मज़बूती से सच्चाई को लोगों तक ले जाए।
कार्यक्रम के दूसरे हिस्से में अशफाक अहमद ने सवालों का जवाब दिया। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जो पत्रकार बेहतर काम कर रहे हैं नकी तारीफ तो होनी चाहिए लेकिन व्यक्तिवाद को बढ़ावा देना नुकसान दे सकता है। पत्रकारिता में इमानदारी के कवाल पर उन्होंने कहा कि दरअसल समाज के सभी हिस्से में गिरावट आई है लेकिन कुछ फील्ड ऐसी होती है जहां गिरावट की वजह से समाज का पतन हो जाता है। पत्रकारिया के पेशे में गिरावट से समाज को बहुत नुकसान हो रहा है।
इस कार्यक्रम में शादाब अहमद, सईद हाशमी, साजिद खान समेत कई पत्रकारों और दर्जनों छात्रों ने भाग लिया।