यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को आचार संहिता उल्लंघन और दस साल पुराने दुर्गा पूजा पंडाल समिति केस में कोर्ट में ख़ुद को सरेंडर करना पड़ा। कोर्ट में करीब तीन घंटे तक लीगल कस्टडी में रखे जाने के बाद उन्हें ज़मानत पर रिहा कर दिया गया।
मामले की सुनवाई इलाहाबाद स्थित एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट में हुई। न्यायालय ने मौर्य के खिलाफ तीन मामलों में वारंट जारी किया था। इसमें एक मामला दुर्गा पूजा का फर्जी पैड छपवाकर अवैध रूप से वसूली का भी था। तीनों मामलों पर अगली सुनवाई अब 10 जनवरी 2019 को होगी।
एमपी-एमएलए न्यायालय के अधिवक्ता एसएन नसीम ने संवाददाताओं को बताया कि उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ तीन मुकदमों की आज तारीख लगी थी। मौर्य ने न्यायालय में जमानत की अर्जी दाखिल की थी जिसे न्यायालय ने मंजूर कर लिया।
उन्होंने बताया कि इन मामलों में एक मामला 22 सितंबर, 2008 का भी था, जिसमें मौर्य पर आरोप था कि उन्होंने दुर्गा पूजा के नाम पर एक फर्जी पैड छपवाकर वसूली की थी। इस मामले में मौर्य पर 420, 467 और 468 धारा के तहत मुकदमा कायम हुआ था।
ग़ौरतलब है कि केशव पर प्रयागराज के धूमनगंज थाने में चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन, कौशांबी के मोहब्बतपुर पइंसा थाने में धोखाधड़ी, कूटरचना और फर्जीवाड़े का मुकदमा दर्ज है। इसके साथ ही प्रयागराज के कीडगंज थाने में दर्ज एक अन्य मामले से जुड़े मुकदमे में भी वह आरोपी हैं।
ज़मानत मिलने के बाद कोर्ट परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में केशव ने कहा, ‘सार्वजनिक जीवन में काम करते हैं, ऐसे में राजनैतिक व्यक्तियों पर मुकदमे भी दर्ज होते हैं। मुकदमों में जमानत न होने के चलते कोर्ट में हाजिर हुआ।
मुझ पर कुछ मुकदमे साजिश के तहत और कुछ राजनीतिक आंदोलनों के चलते दर्ज हुए थे। इस मामले में जो भी न्यायिक प्रक्रिया होगी उसका पालन करूंगा।’