नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में पिछले 40 दिनों से महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं। इसी शाहीन बाग की तर्ज पर देश के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। अब इस कड़ी में सीएए के खिलाफ दलित समुदाय भी लामबंद होकर सड़क पर उतर रहे हैं।
भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद सीएए-एनआरसी के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं और जगह-जगह चल रहे आंदोलन में शामिल हो रहे हैं। वहीं, महाराष्ट्र में वंचित बहुजन अघाड़ी पार्टी के प्रमुख प्रकाश अंबेडकर के ऐलान पर सीएए-एनआरसी के खिलाफ महाराष्ट्र बंद है तो दलित समुदाय के सबसे बड़े संगठन बामसेफ ने भी 29 जनवरी को भारत बंद का आह्वान किया है।
प्रकाश अंबेडकर ने आज महाराष्ट्र बंद बुलाया
संविधान निर्माता डॉ। भीमराव अंबेडकर के पोते और वंचित बहुजन अघाड़ी पार्टी के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर सीएए और एनआरसी के खिलाफ आज महाराष्ट्र बंद बुलाया है, जिसका मिलाजुला असर देखने को मिल रहा है। पुणे में हालात सामान्य है, वहीं मुंबई में जगह-जगह पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है ताकि विरोध प्रदर्शन हिंसक नहीं हो पाए।
प्रकाश अंबेडकर ने महाराष्ट्र बंद आह्वान में राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठन भी शामिल हैं। मुंबई के घाटकोपर में महाराष्ट्र बंद के दौरान पुलिस ने वंचित बहुजन अघाड़ी के कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। पुलिस के मुताबिक वंचित बहुजन के कार्यकर्ता गाड़ियों को जबरन रोक रहे थे।
सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में दलित समुदाय के सबसे बड़े संगठन बामसेफ ने 29 जनवरी को भारत बंद का आह्वान दिया है। बामसेफ के नेता वामन मेश्राम भारत बंद को सफल बनाने के लिए जगह बैठकें कर रहे हैं और इस बंद में दलित समुदाय से बड़ी तादाद में शामिल होने की अपील कर रहे हैं। वामन मेश्राम ने कहा कि 29 जनवरी को भारत बंद के दौरान इस देश के मूल निवासी बहुजन समाज, दलित, आदिवासी, पिछड़े और तमाम अल्पसंख्यक वर्ग के लोग शामिल हो रहे हैं।
चंद्रशेखर का सीएए-एनआरसी के खिलाफ मोर्चा
भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद सीएए और एनआरसी के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। उन्होंने सीएए के खिलाफ जामा मस्जिद पर धरना दिया था, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। हाल ही में वो जमानत पर बाहर आए हैं और कोर्ट से मिली इजाजत के बाद दिल्ली के जामिया, शाहीन बाग और जफरबाद में चल रहे आंदोलन में शामिल हुए थे और वहां बैठी महिलाओं को संबोधित किया था। इसके बाद गुरुवार को पटना के सब्जीबाग में सीएए-एनआरसी के खिलाफ धरने पर पहुंचकर समर्थन दिया था।