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15 Mar 2025, Sat

दलित-मुस्लिम साथ चलेगा: राम लखन पासी से मिले सांसद ओवैसी

लखनऊ, यूपी

एमआईएम के अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने लखनऊ में दलित नेता राम लखन पासी से मुलाकात की। सांसद ओवैसी… राम लखन पासी से मुलाकात करने लिए सीधे एयरपोर्ट से नके घर पहुंच गए। दोनों नेताओं में करीब 45 मिनट की बातचीत हुई। इस मुलाकात के बाद राजधानी लखनऊ में राजनीतिक गलियारों में नये गठबंधन को लेकर चर्चा शुरु हो गई है।

यूपी में विधान सभा चुनाव को देखते हुए एमआईएम अभी से तैयारियों में जुट गई है। पार्टी के नेताओं का मानना है कि अगर दलित-मुस्लिम गठजोड़ हो जाए तो उसे चुनाव में अच्छी सफलता मिल सकती है। यहीं वजह है कि पार्टी के प्रदेश नेताओं ने यूपी में दलित नेताओं से बातचीत शुरु की और इसकी शुरुआत राम लखन पासी से सांसद असदुद्दीन ओवैसी की मुलाकात से हुई।

क्या हुई बातचीत
दोनों नेताओं ने बंद कमरे में करीब 45 मिनट बातचीत की। मीडिया को अंदर जाने नहीं दिया गया। एमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने पीएनएस से सिर्फ इतना कहा कि दोनों नेताओं की मुलाकात अच्छी रही। हम साथ मिलकर काम करेंगे। राम लखन पासी ने बताया कि असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व में दलितों को जाने में की परेशानी नहीं है। उन्होंने कहा कि सांसद ओवैसी ने साथ मिलकर काम करने की बात कही है।

राम लखन पासी ने यूपी के राजनीतिक हालात से ओवैसी को वाकिफ कराया और दलितों और अति पिछड़ों की राजनीति की बारीकियां बताई। मीटिंग के दौरान ओवैसी ने राम लखन पासी की बातें ध्यान से सुनी। उम्मीद है कि दलितों और अति पिछड़ों का जल्द की एक बड़ा कार्यक्रम लखनऊ में हो सकता है जिसमें सांसद ओवैसी को बुलाया जाएगा।

कौन हैं राम लखन पासी
राम लखन पासी पहले यूपी सरकार में रजिस्ट्रार की नौकरी पर थे। 2014 के चुनाव में उन्हें मायावती ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव में उतारा। उन्होंने वहां खूब मेहनत की। राम लखन पासी सोनिया गांधी के सामने मज़बूती से खड़े हो गए। इसी दौरान मायावती ने उनका टिकट बदल दिया। राम लखन पासी ने बीएसपी छोड़ दी। तब से वे पासी समाज के लिए काम कर रहे हैं। मालूम हो कि दलित वोट में 8 फीसदी पासी वोट है और ये करीब 55 से 60 सीटों पर अपना प्रभाव रखते हैं। राम लखन पासी अपने समाज में काफी लोकप्रिय हैं।

किसने कराई मुलाकात
राम लखन पासी और असदुद्दीन ओवैसी की मुलाकात एक मुस्लिम लीडर के ज़रिये हुई। ये मुस्लिम लीडर पहले कांग्रेस में बड़े पद पर थे। कुछ वजहों से उन्होंने कांग्रेस छोडकर सपा ज्वाइन कर लिया था। सपा में फिलहाल उन्हें किनारे रखा गया है। दरअसल ओवैसी यूपी में मुस्लिम, दलित और अति पिछड़ों को जोड़कर साथ लाना चाहते हैं।